एक इंटरव्यू के दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने अपने ऊपर लगे एक भी केस वापस नहीं लिए हैं।

उत्तर प्रदेश में चुनाव के लिए वक्त बेहद कम बचा है। 10 फरवरी को वोटिंग की शुरुआत होने जा रही है। प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद अब ‘दागी उम्मीदवारों’ की खूब चर्चा ही रही है। बीजेपी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर हमलावर है तो जवाब देने में खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पीछे नहीं है। अखिलेश यादव के सहयोगी ओपी राजभर ने तो ये भी कह दिया अतीक अहमद, क्या ब्रजेश सिंह आएं तो उनका भी स्वागत है।
इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी से दागियों को टिकट देने पर कहा कि सवाल ये उठता है कि कैराना के पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों को सपा ने टिकट क्यों दिया? बुलंदशहर के अपराधियों को गले लगाने का औचित्य क्या है? हिस्ट्रीशीटर को गले लगाने का क्या मतलब है? उत्तर प्रदेश में जो पिछले 5 सालों में सुरक्षा और कानून का राज कायम किया है क्या ये उसे बदरंग करने की साजिश नहीं है? मैं अभी इतना ही कहूंगा कि 10 मार्च का इतंजार करें। 11 मार्च से फिर से जीरो टोलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई होगी।
सरकार अपनी ताकत का इस्तेमाल कर लोगों को क्रिमिनल केस में फंसाती हैं? इस सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि सरकार किसी को झूठे मामले में नहीं फंसाती। लखीमपुर की घटना के बाद अगले दिन पुलिस की जीप जली थी, किसने जलाई थी? क्या वो सपा का नहीं था? योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखिलेश जी का गुस्सा जो नाक पर आ रहा है, ये रेड अलर्ट है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने केस वापस लिए? सीएम योगी ने जवाब में कहा कि मैंने एक भी केस अपना वापस नहीं लिया और ना ही हमारी सरकार ने लिया। हमने कहा, जो भी होगा न्यायालय के माध्यम से होगा। अखिलेश यादव से सवाल पूछते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैंने अपना कोई केस वापस नहीं लिया, मेरे खिलाफ कोई मामला भी नहीं है, ना हमारे उपमुख्यमंत्री ने कोई केस वापस लिया।
सपा सरकार पर हमला बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा की चार बार प्रदेश में सरकार थी। क्या मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह या समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगे गंभीर धाराओं के मुकदमों को वापस लिया या नहीं ? ये तो इन्हीं से पूछा जाना चाहिए।
बता दें कि जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक पारा बढ़ता जा रहा है। दागी छवि के उम्मीदवारों को टिकट देने की बात कह सपा और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। अखिलेश यादव ने बीजेपी की पहली लिस्ट पर तंज कसते हुए कहा था कि उप्र में भाजपा की टीम का कप्तान, उप कप्तान और अब तक घोषित 195 में से 82 प्रत्याशियों की छवि आपराधिक है और दिल्ली की टीम में तो साक्षात् उनके सम्मान में भाजपा लखनऊ की जगह ‘लखीमपुर’ को राजधानी घोषित कर दे।