केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर

भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद, कश्मीर के कई हिस्सों में माइनस से नीचे गिरा पारा

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है जो हर मौसम में चालू रहती है. सूत्रों के मुताबिक नतीजतन, कई भारी मोटर वाहन (एचएमवी) और अन्य गाड़ियां राजमार्ग पर कई जगहों पर फंसी हुई हैं.

जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी के कारण आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में कल बुधवार को भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ गया. कश्मीर इन दिनों सबसे कठोर सर्दियों वाले सीजन के दौर से गुजर रहा है. घाटी के अधिकांश हिस्सों में भीषण शीत लहर चल रही है और तापमान गिरकर शून्य से भी नीचे पहुंच गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि सूत्रों के मुताबिक रामबन जिले के चंद्रकोटे में दुग्गी पुल के पास हुए भूस्खलन के कारण 270 किलोमीटर लंबे राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया. जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है जो हर मौसम में चालू रहती है. सूत्रों के मुताबिक नतीजतन, कई भारी मोटर वाहन (एचएमवी) और अन्य गाड़ियां राजमार्ग पर कई जगहों पर फंसी हुई हैं.

राजमार्ग से मलबा हटाने का काम तेजी से जारी

स्थानीय अधिकारियों ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मशीनों की मदद से राजमार्ग से मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है. मलबे को साफ करने के लिए पुरुषों और मशीनरी को तैनात किया गया है. इस बीच, बुधवार रात रामबन के बनिहाल में तुलबाग के पास एक ट्रक के खाई में गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया.

इससे पहले चंद्रकोट और रामसू के बीच कई भूस्खलन और रविवार को बनिहाल सेक्टर में बर्फबारी के बाद कुछ दिन पहले राजमार्ग को वाहनों के लिए मंजूरी दे दी गई थी.

गुलमर्ग में पारा माइनस 10.4 डिग्री सेल्सियस

कश्मीर घाटी के अधिकांश हिस्सों में भीषण शीत लहर चल रही है और तापमान गिरकर शून्य से भी नीचे पहुंच गया है. गुलमर्ग में बुधवार को पारा माइनस 10.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात के 1.8 डिग्री सेल्सियस से कम था.

अधिकारियों ने कहा कि पहलगाम, जो सालाना अमरनाथ यात्रा के बेस कैंप के रूप में भी काम करता है, का न्यूनतम तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से 2.8 डिग्री सेल्सियस कम था. कश्मीर घाटी वर्तमान में 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधि में है, जिसे ‘चिल्ला-ए-कलां’ के नाम से जाना जाता है, जो पिछले साल 21 दिसंबर को शुरू हुई थी.

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और अधिकतम होती है और अधिकांश क्षेत्रों विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में, भारी से बहुत भारी हिमपात होता है. ‘चिल्ला-ए-कलां’ 31 जनवरी को खत्म हो जाएगा, लेकिन उसके बाद भी कश्मीर में 20 दिन तक चलने वाली ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिन लंबी ‘चिल्लई- बच्चा’ (बेबी कोल्ड) रहेगा.

उधमपुर जिले में 6 लोगों को बचाया गया

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में भारी बर्फबारी की वजह से फंसे छह लोगों को पुलिस की टीम ने मंगलवार को बचा लिया. मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आपात मदद की कॉल बसंतगढ़ पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सोहन सिंह को सोमवार रात को आई थी जिसमें संपर्क करने वाले ने बताया था कि उनके परिवार के सदस्य ऊंचाई वाले चोचरू गल्ला टॉप और खानेड टॉप पर फंस गए हैं.

उन्होंने बताया कि ये लोग हिमाचल प्रदेश से कठुआ जिले के मलहार के रास्ते आ रहे थे और बर्फबारी की वजह से फंस गए थे. अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलते ही थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम हरकत में आई और कई किलोमीटर तक बर्फ में चलकर, दुर्गम रास्ते से होकर करीब दो घंटे में मौके पर पहुंची. उन्होंने बताया कि टीम ने सभी फंसे हुए लोगों को बचा लिया है.

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Pooja Pandey

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