नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया कभी गहरे दोस्त थे। अब उनके के बीच कई मौकों पर तीखी नोकझोंक देखने को मिल चुकी है। मजीठिया ने दावा किया है कि अमृतसर ईस्ट सीट से वह सिद्धू की जमानत जब्त करवा देंगे।

पंजाब में इस बार का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प है। कांग्रेस अंदरूनी कलह के साथ मैदान में है। बीजेपी के साथ रही अकाली दल ने साथ छोड़कर बीएसपी का दामन थामा है। वहीं कांग्रेस से पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाकर बीजेपी गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी अकेली मैदान में है। कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर मुकाबदला कांटे का है। ऐसी ही एक सीट है अमृतसर ईस्ट। इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने हैं
अकाली दल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। बिक्रम सिंह मजीठिया और नवजोत सिंह सिद्धू कभी गहरे दोस्त हुआ करते थे। आज वे राजनीतिक दुश्मन हैं। इस सीट पर दोनों के बीच ‘करो या मरो’ की लड़ाई देखने को मिलेगी।
सीट पर तीखी नोंकझोंक
सिद्धू और मजीठिया के बीच कई मौकों पर तीखी नोकझोंक देखने को मिल चुकी है। मजीठिया ने दावा किया है कि अमृतसर ईस्ट सीट से वह सिद्धू की जमानत जब्त करवा देंगे। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने मजीठिया को जवाब देते हुए तंज कसा ‘पहले जमानत तो करवा लो, फिर जमानत जब्त करवाना।’
सिद्धू बने गेम चेंजर
2017 में, क्रिकेटर से राजनेता बने, सिद्धू न केवल अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी राजेश हनी को 42,000 से अधिक मतों के बड़े अंतर से हराया, बल्कि अमृतसर जिले की 11 में से 10 सीटें जीतकर पार्टी के लिए गेम-चेंजर की भूमिका भी निभाई। अमृतसर कभी अकाली दल और बीजेपी गठबंधन का गढ़ हुआ करता था।
सिद्धू की पत्नी हैं विधायक
अमृतसर ईस्ट से सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर 2012-17 से एसएडी-बीजेपी गठबंधन उम्मीदवार रहीं। नवजोत सिद्धू भाजपा से तीन बार के अमृतसर सांसद हैं। 2014 में उन्होंने अपने ‘गुरु’ अरुण जेटली के लिए यह सीट छोड़ दी थी। बाद में उन्हें भाजपा ने राज्यसभा सांसद बनाया था। पंजाब में बड़ा रोल नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और संसद से इस्तीफा दे दिया।