ये मामला दो आईईडी विस्फोटों से संबंधित है, जो तीन मार्च 2006 को कोझीकोड में केएसआरटीसी और मुफस्सिल बस स्टैंडों पर हुए थे. इस हमले में दो लोगों को चोटें आई थी और संपत्ति का भी नुकसान हुआ था.

केरल हाई कोर्ट ने 2006 कोझीकोड दोहरे विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी और एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया है. अदालत ने मामले में दो अन्य आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एनआईए की अपील को खारिज कर दिया. मिली जानकारी के मुताबिक, ये मामला दो आईईडी विस्फोटों से संबंधित है, जो तीन मार्च 2006 को कोझीकोड में केएसआरटीसी और मुफस्सिल बस स्टैंडों पर हुए थे.
इस हमले में दो लोगों को चोटें आई थी और संपत्ति का भी नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि एनआईए ने मामलों की जांच दिसंबर 2009 में राज्य पुलिस से अपने हाथ में ली थी और अशर सहित आठ लोगों के खिलाफ 2010 में चार्जशीट दाखिल किया था.
मराड दंगा के आरोपितों को बेल नहीं देने पर रची थी साजिश
एजेंसी ने कहा कि जांच में पता चला कि अशर और अन्य फरार आरोपी पीपी यूसुफ उस आपराधिक षड्यंत्र में शामिल थे जो प्रमुख आरोपी टी नसीर, सफास और अन्य ने कोझीकोड शहर में आईईडी विस्फोटों के लिए रचा था.इन लोगों ने इन विस्फोटों का षड्यंत्र 2003 के मराड सांप्रदायिक दंगा मामले में कुछ मुस्लिम आरोपियों को जमानत नहीं दिये जाने के खिलाफ रचा था. एनआईए ने दावा किया कि अशर ने यूसुफ के साथ मिलकर टी नसीर की आईईडी तैयार करने और उन्हें कोझीकोड शहर में बस स्टैंडों पर लगाने में मदद की थी.वहीं हाल ही में केरल के कन्नूर में अवैध बम निर्माण इकाई में धमाके की खबर आई थी. घटना में कई लोगों के घायल होने की सूचना थी. बताया जा रहा है घटनास्थल से कई स्टील बम बरामद हुए थे. आरोप लग रहा है कि सीपीएम कार्यकर्ता धमाके के समय वहाँ बम बना रहे थे.रिपोर्ट के अनुसार, घटना पोन्नियम नामक जगह पर हुई. यह साफ़ नहीं था कि कितने लोग घायल हुए हैं. मगर, कहा जा रहा है कि घायल लोग सीपीएम के थे. उन्हें इलाज के लिए अस्पाल ले जाया गया है.इस धमाके में कुछ स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं. वहीं सूचना पाते ही पुलिस भी घटनास्थल पर पहुँच गई है. घटना स्थल से उन्हें बम मिले हैं, जिन्हें कुछ पुलिसकर्मी थाने ले गए हैं और कुछ पुलिस मौके पर रहकर उस जगह की जाँच कर रहे हैं