टीवी बॉलीवुड मनोरंजन

अपने करियर में बनाए 600 से ज्यादा गाने, कुछ ऐसी रही अनु मलिक के पिता सरदार मलिक की जर्नी!

अनु मलिकके पिता सरदार मलिक ने अपने करियर की शुरुआत 1940 के दशक से की. और उन्हें पहला ब्रेक मिला साल 1953 में आई फिल्म ‘ठोकर’ से.

सरदार मलिक…50 के दशक से लेकर 70 के दशक तक में बॉलीवुड में एक बड़ा नाम थे. सरदार मलिक का जन्म 13 जनवरी 1925 को ब्रिटिश इंडिया के समय पंजाब प्रांत के कपुरथला में हुआ था जो बंटवारे के बाद अब हिंदुस्तान का ही हिस्सा है. और उनका निधन 81 साल की उम्र में 27 जनवरी 2006 को हुआ था. सरदार मलिक को उनके बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है. एक भारतीय हिंदी फिल्म संगीत निर्देशक और स्कोर संगीतकार के रूप में उन्होंने अपनी पहचा बनाई थी. सरदार मलिक उस वक्त जाने-माने म्यूजिक डायरेक्टर्स में से एक थे. लेकिन वो कुछ समय बाद फिल्मों से दूर होते चले गए.

आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर हम उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं और उनके करियर और पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ जानकारियां भी आपसे साझा कर रहे हैं. सरदार मलिक की पत्नी बिलकिस गीतकार हसरत जयपुरी की बहन थीं. सरदार मलिक और बिलकिस के तीन बेटे हैं जिनमें अनु मलिक, डब्बू मलिक और अबू मलिक हैं. उनके तीनों ही बेटे अपने पिता के ही नक्शे कदम पर चले. हालांकि, डब्बू मलिक और अबू मलिक ज्यादा दूरी तय नहीं कर पाए लेकिन अनु मलिक ने अपना एक बेहतरीन मुकाम बनाया है फिल्म इंडस्ट्री के अंदर. आज वो एक जाना-माना नाम हैं बॉलीवुड में.

अनु मलिक के पिता सरदार मलिक ने अपने करियर की शुरुआत 1940 के दशक से की. और उन्हें पहला ब्रेक मिला साल 1953 में आई फिल्म ‘ठोकर’ से. इस फिल्म के बाद उनके खेमे में साल 1954 में आई फिल्म ‘औलाद’ रही, 1955 में ‘अब-ए-हयात’, 1959 में ‘मन के आंसू’, 1960 में ‘मेरे घर मेरे बच्चे’, 1961 में ‘सारंगा’, 1963 में ‘बचपन’, 1964 में ‘महारानी पद्मिनी’, 1964 में ही ‘जंतर मंतर’ और साल 1977 में आई पंजाबी फिल्म ‘ज्ञानी जी’ थी. उन्होंने अपने इतने छोटे से करियर में 600 से ज्यादा गाने बनाए.

बहुत जल्दी वो हो गए फिल्मों से दूर

साल 1961 में आई फिल्म ‘सारंगा’ के गाने ‘सारंगा तेरी याद में…’ ने फिल्म जगत में सरदार मलिक को चर्चा का विषय बना दिया था. उन्हें इसके बाद कई सारी फिल्मों के ऑफर मिलने लगे थे. लेकिन उनके एक फिल्म के गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान एक मशहूर गायिका और लुधियाना के शायर के अंहाकर आपस में टकरा गए. गायिका ये चाहती थीं कि लुधुयाना का शायर अपने लिखे गीत में एक-दो शब्द बदल दें. लेकिन गीतकार अड़ गए कि ये काम पढ़े-लिखे लोगों को करने दिया जाए. गायिका को गीतकार का ये अंदाज ठीक नहीं लगा.

क्यूंकि वो चर्चित गायिका थीं, अपने हुनर में माहिर थीं और उनका फिल्मी जगत पर दबदबा भी था. हालांकि, गीतकार भी अव्वल दर्जे के थे. उनकी बात को भी नकारा नहीं जा सकता था. इन दोनों लोगों के बीच नुकसान हुआ सरदार मलिक का. उन्हें इसका हर्जाना अलग तरह से भुगतना पड़ा. कुछ समय बाद जब वो रिकॉर्डिंग स्टूडियो बुक करवाने जाते तो उन्हें स्टूडियोज ही खाली नहीं मिलते. लगातार उनके साथ ऐसा होने लगा था और इसकी वजह से कई फिल्में हाथ से निकल गईं. सरदार मलिक पहले से ही आलसी थे, लिहाजा वो फिल्मों से दूर होते चले गए. उन्हें आलसी की उपाधी मशहूर डांस डायरेक्टर उदय शंकर ने दी थी.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.