सनातन परंपरा में चिरंजीवी माने जाने वाले श्री हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो हर युग में मौजूद रहते हैं और सिर्फ सुमिरन मात्र से अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं. हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का महत्व जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

सनातन परंपरा में संकटमोचक और बल, बुद्धि, विद्या के सागर माने जाने वाले हनुमान जी की पूजा कई स्वरूपों में की जाती है. हनुमत भक्त अपने आराध्य देव को बाल हनुमान, सेवक हनुमान, पवनपुत्र हनुमान, वरदायक हनुमान, आदि स्वरूपों में पूजते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि रामभक्त कहे जाने वाले श्री हनुमान जी की अलग-अलग मुद्रा वाली तस्वीर या मूर्ति की पूजा करने अलग-अलग फल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कि दु:ख-दुर्भाग्य को दूर करने और मनोकामना की पूर्ति के लिए हनुमान जी की किस मूर्ति की साधना-आराधना करनी चाहिए.
बाल हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों मे सबसे पहले उनके बाल स्वरूप की बात करते हैं, जिसकी पूजा करने से सभी प्रकार के भय और भूत दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि यदि किसी बच्चे का रात को बुरे सपने आते हों और वह डर कर अचानक से जग जाता हो तो उसे बाल हनुमान के पैर के सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए. राजस्थान के मेंहदीपुर में हनुमान जी के बाल स्वरूप की सिद्ध मूर्ति है, जिसे लोग बाला जी के नाम से जानते हैं. हनुमान जी के इस पावन धाम पर आने वाले भक्तों की हर मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है और उनके जीवन से जुड़े सारे रोग-शोक और भय दूर होते हैं.
ध्यान मुद्रा वाले हनुमान जी की पूजा
यदि किसी व्यक्ति को जीवन से जुड़ी तमाम तरह की परेशानियों ने घेर रखा हो और वह सुख-शांति की तलाश में हो तो उसे हनुमान जी की ध्यान मुद्रा वाली फोटो या मूर्ति की पूजा करनी चाहिए. ध्यान मुद्रा वाली हनुमान जी की पूजा करने पर साधक को मन की शक्ति और आत्मिक शांति मिलती है.
रामसेवक हनुमान जी की पूजा
जिस तस्वीर या मूर्ति में श्री हनुमान जी अपने स्वामी प्रभु श्री राम की सेवा में तत्पर नजर आते हों, उस मूर्ति या तस्वीर की प्रतिदिन साधना–आराधना करने पर व्यक्ति अपने कार्य, परिवार आदि के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहते हुए सुख-समृद्धि और सफलता को प्राप्त करता है. रामसेवक हनुमान जी की साधना उनके लिए अत्यंत फलदायी है जो कार्यक्षेत्र में अपने सीनियर की कृपा पाना चाहते हैं.
पहाड़ उठाए हुए हनुमान जी की पूजा
यदि आपके जीवन में अचानक से कोई बड़ा संकट आ गया है और आपको उसके समाधान का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है तो ऐसे समय में आपको संकटमोचक हनुमान जी की द्वारा अपने हाथों पर पहाड़ उठा रखने वाली तस्वीर की विशेष रूप से साधना-आराधना करनी चाहिए. हनुमान जी की इस तस्वीर की पूजा से मिलने वाले आशीर्वाद से आप बड़े से बड़े संकट को चुटकियों में दूर करने की शक्ति प्राप्त करेंगे और शीघ्र ही आपकी समस्या का समाधान निकल आयेगा.