#इलेक्शन की खबरें उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव 2022

क्या कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री पद की दावेदार बनाने वाली है?

क्या वाकई में राहुल गांधी से सोनिया गांधी का मोहभंग हो गया है. माना जाता है कि इस डर से कि कहीं प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी पर ही ना भारी पड़ जाए, सोनिया गांधी ने प्रियंका को पहले राजनीति में आने से रोक रखा था. संभव है कि सोनिया गांधी का यह डर सच साबित हो जाए.

क्या कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई बड़ा धमाका करने जा रही है? क्या राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री पद की चुनौती नरेन्द्र मोदी को देंगी? जिस तरह की कांग्रेस पार्टी में तैयारी चल रही है, इस पर सहज विश्वास नहीं हो रहा है. क्योंकि कांग्रेस पार्टी की सारी ताकत अभी इसी बात में लगी हुई है कि चाहे जो भी हो जाए, प्रस्तावित विपक्ष भी भले ना एक हो सके, पर राहुल गांधी के नाम पर पार्टी समझौता नहीं करेगी.

संडे को एक टेलीविज़न चैनल पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर पहले दावेदारी पेश करना और फिर गुलाटी मारने पर कहा कि प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री पद की नहीं बल्कि प्रधानमंत्री पद की दावेदार हैं. संभव है कि उनकी जुबान फिसल गयी होगी, यह भी हो सकता है कि प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए उन्होंने बिना सोचे समझे यह बात कह दी हो. पर जब यह बात अल्वी ने कांग्रेस के प्रवक्ता के रूप में कही तो इसे गंभीरता से लेना ही पड़ेगा. इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि हो सकता है जल्दीबाजी में अल्वी ने समय से पहले ही इस राज का खुलासा कर दिया हो. अगर यह सच है तो मृतप्राय कांग्रेस पार्टी में एक नयी जान आ सकती है.

कांग्रेस का पतन
कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नाम पर दो बार चुनाव लड़ चुकी है और दोनों बार मतदाताओं ने उनके नेतृत्व को नकार दिया और कांग्रेस पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. 2014 में अभी तक के इतिहास में कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में 206 सीटों से लुढ़क कर सबसे कम 44 सीटों पर आ गयी. 2014 में नरेन्द्र मोदी की ऐसी लहर चली थी कि 30 वर्षों और सात चुनावों के बाद किसी पार्टी को अपने दम पर बहुमत मिली थी. यह माना जाने लगा था कि मिली जुली सरकार ही देश में अनंत काल तक चलती रहेगी. राज्यों में क्षेत्रीय दलों के बढ़ते प्रभाव से राष्ट्रीय दल कमजोर होते जा रहे थे.राष्ट्रीय दलों के नाम पर कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी होती थी जिसका दबदबा पूरे देश में था. भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव क्षेत्र कुछ ही राज्यों तक सीमित था. कर्नाटक को छोड़ कर पूरे दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी का कहीं नामोनिशान नहीं था और अन्य राष्ट्रीय दल सिर्फ नाममात्र के ही राष्ट्रीय दल थे. केंद्र में पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए सरकार थी जिस पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगता रहा था. लिहाजा 2014 में राहुल गांधी को इस संदेह का फायदा मिला कि कांग्रेस पार्टी को लोगों ने नकारा था ना कि राहुल गांधी के नेतृत्व को. पर 2019 के चुनाव में नहीं.

अब उसी नेता के नेतृत्व में और उसके नाम पर ही जिसे जनता ने दो बार नकार दिया हो एक बार फिर से चुनाव लड़ना और यह सोचना कि तीसरे प्रयास में वह सफल हो जाएंगे किसी जुआ से कम नहीं हो सकता है. 2014 के बाद कांग्रेस पार्टी की हालत बाद से बदतर होती गई है और बीजेपी की शक्ति इतनी बढ़ गई है कि कुछ राज्यों से आगे बढ़ कर वह सही मायने में एक राष्टीय पार्टी बन चुकी है, जिसका प्रभाव क्षेत्र लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

कांग्रेस के अंदर बगावत की शुरुआत हो चुकी है
पिछले सात-आठ महीनों से बीजेपी के खिलाफ 2024 के चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकता की बात चल रही है. विपक्षी दलों में कांग्रेस पार्टी और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर भरोसा नहीं है और कांग्रेस पार्टी पीछे हटने को तैयार नहीं है. वही नहीं, कांग्रेस पार्टी के अन्दर भी गांधी परिवार के खिलाफ बगावत की शुरुआत हो गयी है और गांधी परिवार किसी और को पार्टी अध्यक्ष या प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की सोच ही नहीं सकती. ऐसे में संभव है कि गांधी परिवार ने फैसला कर लिया हो कि जिम्मेदारियों का बंटवारा परिवार के जायदाद की तरह कर दिया जाए – राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाले और प्रधानमंत्री पद की दावेदारी प्रियंका गांधी को सौंप दी जाए.

जिला और ब्लाक स्तर तक पार्टी को खड़ा कर दिया है. प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने से इतना तो होगा ही कि वह नेता जो नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं अलग थलग पड़ जाएंगे. और सबसे बड़ी बात है कि अगर सरकार बनाने का मौका मिल जाए तो सत्ता फिर भी परिवार के पास ही रहेगी. शायद यही कारण रहा होगा कि पहले प्रियंका गांधी ने अपने आप को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में घोषित किया और फिर उस बात पर यह कह कर कि उन्होंने यह बात मजाक में कही थी, पलटा मार दी.

अगले कुछ महीनों का इंतजार करना पड़ेगा कि क्या वाकई में राहुल गांधी से सोनिया गांधी का मोहभंग हो गया है. माना जाता है कि इस डर से कि कहीं प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी पर ही ना भारी पड़ जाए, सोनिया गांधी ने प्रियंका को पहले राजनीति में आने से रोक रखा था. संभव है कि सोनिया गांधी का यह डर सच साबित हो जाए.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.