पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों को जबर्दस्त मुनाफा दिया है। इससे बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की चाहत बढ़ी है। देश में क्रिप्टो में निवेश करन वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से ज्यादा हो गई है

बजट 2022 पेश होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। उधर, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्टार्टअप्स भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। बिटकॉइन की कीमत लगातार गिर रही है। अगर बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने के लिए सख्त नियम पेश करती हैं तो यह दबाव और बढ़ जाएगा।
पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो खासकर बिटकॉइन से शानदार रिटर्न के चलते भारत में क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। देश में क्रिप्टो के निवेशकों की सख्या 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। अगर बजट में सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए अनुकूल पॉलिसी लाती है तो भारत दुनिया में क्रिप्टो का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।
केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्ब बैंक क्रिप्टो के मामले में सख्त रुख अपनाना चाहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन को लेकर पिछले कुछ समय से सरकार में कई स्तरों पर चर्चा जारी है। सरकार क्रिप्टो के लिए संसद में अलग बिल लाने का ऐलान कर चुकी है। पहले यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की योजना थी। लेकिन, इस पर चर्च पूरी नहीं होने से इसे बजट सत्र के लिए टाल दिया गया।
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्टार्टअप का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को लेकर पॉलिसी का ऐलान करना चाहिए। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का दुनियाभर में इस्तेमाल बढ़ रहा है। क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। अभी क्रिप्टो और ब्लॉकचेन से जुड़े स्टार्टअप्स में इंस्टीट्यूशनल और एंजेल इन्वेस्टमेंट देखने को मिल रहा है।
अगर सरकार बजट में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से जुड़े स्टार्टअप्स में इन्वेस्टमें को बढ़ाने देने के लिए पॉलिसी का ऐलान करती है तो इससे देश में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी इस बारे में स्पष्ट नियम नहीं होने से इंस्टीट्यूशंस इस टेक्नोलॉजी से जुड़े स्टार्टअप में खुलकर निवेश नहीं कर पा रहे हैं। क्रिप्टो को लेकर सरकार और आरबीआई के सख्त रुख के चलते उन्हें अपना पैसा डूबने का डर सताता है।
क्रिप्टो स्टार्टअप्स का कहना है कि सरकार को बिटकॉइन जैसे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और उससे होने वाले मुनाफ पर टैक्स के नियमों के बारे में भी बताना चाहिए। एक स्टार्टअप के प्रमुख ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कई लोगों ने क्रिप्टो में बड़ा निवेश किया है, लेकिन वे खुलकर इस बारे में बात करने से कतराते हैं। इसकी वजह यह है कि इस बारे में टैक्स के नियम स्पष्ट नहीं हैं। बजट में वित्त मंत्री इस बारे में तस्वीर साफ कर सकती हैं।