जीजेसी ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का भी आग्रह किया है, क्योंकि ग्रामीण भारत में कई घरों में पैन कार्ड नहीं है.

ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने सरकार से बजट में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्सकी दर को घटाकर 1.25 फीसदी करने का आग्रह किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी बजट पूर्व 2022-23 की सिफारिशों में जीजेसी ने सोने कीमती धातुओं, रत्नों और ऐसे सामानों से बने आभूषणों पर 1.25 फीसदी जीएसटी तय करने की मांग की है. इस समय रत्न और आभूषण पर जीएसटी की दर 3 फीसदी है. वहीं, रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ने आगामी आम बजट के लिए अपनी सिफारिशों में सरकार से सोने पर आयात शुल्क 7.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी करने का आग्रह किया है.
जीजेसी ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का भी आग्रह किया है, क्योंकि ग्रामीण भारत में कई घरों में पैन कार्ड नहीं है और जरूरत के समय विशेषकर वैश्विक महामारी में न्यूनतम जरूरी आभूषण की व्यवस्था करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, जीजेसी ने सरकार से अनुरोध किया है कि सोने की न्यूनतम मात्रा पर उपयुक्त स्पष्टीकरण जारी किया जाए, जिसे कोई व्यक्ति किसी भी विभागीय अधिकारियों द्वारा पूछताछ किए बिना गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत जमा कर सकता है.
22 कैरेट सोने के गहनों पर मिले ईएमआई सुविधा
इसके अलावा, उद्योग निकाय ने अनुरोध किया कि रत्न और आभूषण उद्योग को 22 कैरेट सोने के गहनों की खरीद के लिए ईएमआई सुविधा की अनुमति दी जानी चाहिए, जिससे महामारी के बाद उद्योग के कारोबार में पर्याप्त बढ़ोतरी होगी.
जीजेसी के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, महामारी के इस मुश्किल दौर में हमारे उद्योग को बहुत नुकसान हुआ है और इसे के वी कामथ की रिपोर्ट में ‘तनावग्रस्त क्षेत्रों’ में से एक के रूप में चिह्नित किया गया है. इसलिए, हमने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 40A में बदलाव का प्रस्ताव दिया है ताकि प्रतिदिन 10,000 रुपये की मौजूदा दैनिक नकद सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये प्रति दिन किया जा सके.
क्रेडिट कार्ड पर बैंक कमीशन माफ करने की मांग
उन्होंने कहा कि जीजेसी ने सरकार से क्रेडिट कार्ड के जरिए आभूषणों की खरीद पर बैंक कमीशन (1-1.5 फीसदी) को माफ करने का भी आग्रह किया है. इस प्रकार रत्न और आभूषण उद्योग के लिए ‘डिजिटल इंडिया’ को बढ़ावा देने में भूमिका निभाएगा.
ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि अगर बेचे गए आभूषणों को नए आभूषणों में रिइन्वेस्ट किया जाता है तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 54F के अनुसार रत्न और आभूषण उद्योग को कैपिटल गेन से छूट दी जानी चाहिए.
जीएमएस को और अधिक प्रभावी बनाने पर ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को किसी भी टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा पूछताछ से एनसेस्ट्रल नेचर के न्यूनतम 500 ग्राम सोना जमा करने के लिए परिवारों को छूट देनी चाहिए.