गाजीपुर के रहने वाले कुबेरराम पेशे से रिक्शा ड्राइवर हैं. हालांकि इनकी राजनीती में रुचि इस कदर है कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी वह 2012 से लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गाजीपुर की राजनीति में हैसियत से ज्यादा मजबूत इरादे की जरूरत होती है. इस बात को सहीं साबित किया है गाजीपुर के कुबेर राम जो परिवार चलाने के लिए रिक्शा चलाते है. लेकिन क्षेत्रीय राजनीति में दिलचस्पी इतना है कि अपने आर्थिक हालातों से हटकर 2009 लोकसभा चुनाव से अपनी जोर अजमाइश करते आ रहें है. हालांकि कुबेर राम का इस चुनाव में जिला प्रशासन के द्वारा पर्चा को खारिज कर दिया गया था. वहीं, कुबेर 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके है. ऐसे में अब 2022 विधानसभा के चुनावी समर में भी ताल ठोकने को इच्छा रखते है.
दरअसल, गाजीपुर के रहने वाल् कुबेर राम ने बताया कि उनके अपने लोगो के बीच किसी ने 2009 के लोकसभा चुनाव के पहले चुनाव लड़ने की बात कही. इस दौरान पेशे से रिक्शा चालक कुबेर राम ने उन्हें अपने हैसियत के अनुसार चंदा देकर मदद करने का वादा किया. लेकिन उसने पर्चा दाखिला से पहले चुनाव लड़ने का मन बदल दिया. उसके बाद अपने लोगों के कहने पर कुबेर खुद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2009 के लोकसभा चुनाव में ताल ठोका. हालांकि कुबेर राम ने बताया कि तमाम तरह के दबाव उन पर डाला गया, जिसके चलते नमांकन वापस लेना पड़ा.
अराजक तत्वों ने लगा दी थी झोपड़ी में आग
बता दें कि इसी चुनाव में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने भी नामांकन किया था. इस दौरान राजनीतिक प्रतिशोध में कुछ लोगो ने उनकी झोपड़ी में आग लगा दी. जिसको लेकर कुछ लोगों पर वर्तमान समय में कोर्ट में मामला चल रहा है. ऐसे में साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कुबेर राम ने परिसीमन के बाद वजूद में आई जंगीपुर सीट से नमांकन किया. इस चुनाव में उन्हें करीब एक हजार मत पाकर संतोष करना पड़ा और इस सीट से समाजवादी पार्टी के कैलाश यादव ने जीत हासिल की, जिसके बाद पंचायती राज्य मंत्री बनाए गए. ऐसे में साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमायी और लगभग 4 हजार मत मिले. कुबेर राम ने आगे बताया कि उनकी 7 बेटिया व दो बेटे है। उन्होने सभी बेटियों की शादी कर दी है. वहीं, दोनों लड़कों को अपने सामर्थ भर शिक्षित करने में जुटे हुए है.
स्व0 चंद्रशेखर सिंह की पार्टी से चुनाव लड़ने की बनाई योजना
गौरतलब है कि कुबेर राम ने बताया कि वह परिवारिक जिम्मेदारियों को खत्म कर चुका है. ऐसे में वह साल 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गए हैं. वहीं, कुबेर के अनुसार वह जखनियां सुरक्षित सीट से विधानसभा चुनाव का ताल ठोकेगा. इस बीच विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक दलों के संपर्क में है. कुबेर बताते है कि वह अपने राजनीतिक गुरू के तौर पर पूर्व पीएम चंद्रशेखर को मानते है। ऐसे में उनके द्वारा हीं गठित समाजवादी जनता पाटी (चंद्रशेखर) से टिकट लेने के प्रयास में है. इसके लिए प्रदेश कार्यकारिणी से बातचीत चल रहीं है. ऐसे में टिकट मिला तो ठीक नहीं तो निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे.