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बेटे-बेटियों के टिकट के लिए कतार में सांसद मंत्री और राज्‍यपाल, बीजेपी के लिए बढ़ी चुनौतीया !

उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव हर बार की तरह इस बार भी दिलचस्‍प होने जा रहा है. बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट का ऐलान कर दिया हो लेकिन पार्टी में कई दिग्‍गज नेता अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी आलाकमान से लगातार टिकट की मांग कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव हर बार की तरह इस बार भी दिलचस्‍प होने जा रहा है. बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों की पहली लिस्‍ट का ऐलान कर दिया हो लेकिन पार्टी में कई दिग्‍गज नेता अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी आलाकमान से लगातार टिकट की मांग कर रहे हैं. बीजेपी के मंत्री ही नहीं केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और राज्‍यपाल तक अपने बेटे-बेटियों और रिश्‍तेदारों के लिए टिकट दिलवाने के लिए जोर-आजमाईश में लगे हुए हैं. हालांकि बीजेपी आलाकमान ने संकेत दे दिए हैं कि इस बार किसी बेटे-बेटी या रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया जाएगा.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने बेटे-बेटियों और रिश्‍तेदारों के लिए टिकट मांग रहे नेताओं को बीजेपी ने संकेत दिए हैं कि जो लोग पहले से विधायक रहे हैं या चुनाव लड़ चुके हैं उन्हें ज्‍यादातर टिकट दिए जा चुके हैं या दिए जाएंगे.

सांसदों ने अपने बेटों को टिकट लिए

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट सीट से अपने बेटे मयंक जोशी को चुनाव लड़ाना चाहती हैं. रीता बहुगुणा जोशी इस सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं और अब वो इस सीट से अपने बेटे को विधायक बनाना चाहती हैं. वहीं सलेमपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रवींद्र कुशवाहा अपने छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा को भाटपाररानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने के लिए दावेदारी कर रहे हैं.

कानपुर नगर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप पचौरी के लिए कानपुर की गोविंदनगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं. ब्राह्मण बहुल इस सीट पर सत्यदेव पचौरी दो बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2019 में उनके सांसद बनने के बाद सुरेंद्र मैथानी बीजेपी के टिकट पर विधायक बने हैं. ऐसे में अब वो अपने बेटे को गोविंदनगर सीट से चुनाव लड़ाकर विधायक बनाना चाहते हैं.

केंद्रीय मंत्री अपने बेटे के लिए कर रहे मशक्कत केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं और उनके बड़े बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं और दूसरी बार पार्टी ने फिर से उनको टिकट दिया है. इसके अलावा राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह भी लखनऊ कैंट और उत्तरी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.

वहीं, लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी मलिहाबाद से बीजेपी की विधायक हैं. इस बार कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर महिलाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर सीतापुर की सिधौली सीट से चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं. ऐसे ही आगरा से सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल की पत्नी टूंडला से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. एसपी बघेल खुद टूंडला से विधायक रहे हैं.

बेटों को टिकट के लिए कतार में मंत्री

सांसद व केंद्रीय मंत्रियों के अलावा योगी कैबिनेट के कई मंत्री भी अपने बेटे-बेटियों के टिकट की कतार में खड़े हैं और शीर्ष नेतृत्‍व से टिकट के लिए मशक्‍कत कर रहे है. रिपोर्ट के अनुसार यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की पथरदेवा सीट से उनके बेटे सुब्रत शाही चुनाव लड़ने की तैयारी में है, अभी मौजूदा समय में वो ब्लॉक प्रमुख हैं. सूर्य प्रताप शाही के बेटे को पथरदेवा से टिकट मिलता है तो वो देवरिया सदर से चुनाव लड़ने की जुगत में है.

योगी सरकार में सहकारिता मंत्री और ओबीसी चेहरा माने जाने वाले मुकुट बिहारी वर्मा की उम्र 76 वर्ष हो गई हैं, लेकिन चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और साथ ही वे अपने बेटे गौरव के लिए कैसरगंज सीट से टिकट चाहते हैं. उनकी कोशिश है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो उनके बेटे को चुनाव लड़ाए. कैसरगंज सीट कुर्मी बहुल मानी जाती है, पर यहां यादव और मुस्लिम वोट भी काफी निर्णायक भूमिका में है. लखनऊ मध्य सीट से विधायक और योगी सरकार में मंत्री बृजेश पाठक भी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं.

योगी सरकार में वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल ने 75 वर्ष की आयु के चलते मंत्री पद छोड़ दिया था. ऐसे में अब वो बरेली कैंट सीट से अपने बेटे आशीष अग्रवाल को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने बाकायदा दावेदारी भी कर रखी है.

ऐसे ही रुद्रपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और मंत्री जयप्रकाश निषाद भी अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन निषाद पार्टी भी इस सीट को मांग रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के बेटे दिलीप दीक्षित उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. इस सीट पर बसपा के बागी अनिल सिंह विधायक हैं और वो बीजेपी के साथ आ गए हैं.

राज्यपाल भी बेटों के लिए कर रहे टिकट की दावेदारी

बीजेपी के मंत्री, सांसद ही नहीं बल्कि दो राज्यों के राज्यपाल के बेटे भी चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे रामविलास चौहान ने मधुबन विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं. बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान इस सीट से विधायक थे. हालांकि, इसी सीट पर बीजेपी नेता रामजी सिंह के पुत्र अरिजीत सिंह ने भी टिकट की दावेदारी कर रखी है.

वहीं राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा के बेटे अमित मिश्रा देवरिया सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. कलराज मिश्रा देवरिया से सांसद रहे हैं और अब उनके बेटे अपने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं. मंत्री ही नहीं केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और राज्‍यपाल तक की टिकट को लेकर चल रही लामबंदी से बीजेपी के के सामने चुनौती बढ़ गई है.

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Pooja Pandey

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