इंग्लैंड क्रिकेट टीम से एशेज सीरीज में जिस प्रदर्शन की उम्मीद थी वो उसने किया नहीं बल्कि उसके नाम कई खराब रि़कॉर्ड और हो गए.

ऑस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज में इंग्लैंड को 4-0 से हरा दिया. इस सीरीज में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने एकतरफा खेल दिखाया. सिवाए चौथे मैच को छोड़कर इंग्लैंड की टीम कभी ऑस्ट्रेलिया के सामने टिक नहीं सकी. चौथा मैच उसने किसी तरह ड्रॉ कराया था. इसी मैच में इंग्लैंड की बल्लेबाजी थोड़ी बहुत चली थी लेकिन बाकी के मैचों में इंग्लैंड बुरी तरह से फ्लॉप रही. इस हार के साथ ही इंग्लैंड ने कुछ शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम किेए हैं. उन्हीं के बारे में हम आपको बता रहे हैं.
होबार्ट में खेले गए पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच में सिर्फ 1312 गेंदें ही फेंकी गई थीं. यह गेंदों के लिहाज से ऑस्ट्रेलिया में दूसरा सबसे छोटा मैच है. इतनी गेंदों में मैच में सभी 40 विकेट गिरे. इस मामले में पहले नंबर पर 1888 में सिडनी में खेला गया टेस्ट मैच था जिसमें सिर्फ 1129 गेंदें फेंकी गई थीं. वहीं होबार्ट टेस्ट 1910 के बाद छठा सबसे छोटा मैच है जिसमें सभी 40 विकेट गिरे.
ऑस्ट्रेलिया ने पांचवें टेस्ट मैच को जीतने के लिए इंग्लैंड को 271 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन मेहमान टीम महज 124 रनों पर ही ऑलआउट हो गई. ये तब हुआ जब इंग्लैंड को अच्छी शुरुआत मिली और उसकी सलामी जोड़ी ने 50 से ज्यादा रन जोड़े. ये टोटल एशेज में लक्ष्य का पीछा करते हुए 50 रनों से ज्यादा की ओपनिंग पार्टनरशिप होने के बाद हासिल किया गया पांचवां सबसे छोटा टोटल है. साथ ही ये दूसरे विश्व युद्ध के बाद एशेज में लक्ष्य का पीछा करते हुए 50 रनों से ज्यादा ओपनिंग पार्टरनिशप के बाद बनाया गया सबसे कम स्कोर है.
इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने इस सीरीज में बेहद निराश किया. इस सीरीज में इंग्लैंड का बल्लेबाजी औसत 19.18 रहा. ये 2001 के बाद से पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में किसी भी टीम का सबसे कम औसत है. साथ ही ये 1890 के बाद एशेज में इंग्लैंड का सबसे बुरा बल्लेबाजी औसत है. 1890 में खेले गए दो मैचों में इंग्लैंड का औसत 15.74 था.
इंग्लैंड इस सीरीज में एक भी मैच नहीं जीत पाई और इसी के साथ उसका ऑस्ट्रेलिया में न जीतने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. इंग्लैंड बीते 15 टेस्ट मैचों में एक भी मैच नहीं जीत पाई है. ये ऑस्ट्रेलिया में किसी भी टीम द्वारा जीत का संयुक्त रूप से सबसे लंबा सूखा है. इस मामले में वो श्रीलंका के साथ दूसरे स्थान पर है. नंबर-1 पर न्यूजीलैंड है जो 1985 से 2011 तक ऑस्ट्रलिया में 18 टेस्ट मैचों तक जीत हासिल नहीं कर पाई थी.
जो रूट अपनी कप्तानी में इंग्लैंड को वो सफलता नहीं दिला पाए हैं जिसकी उनसे उम्मीद की गई थी. वह एशेज में बतौर कप्तान 10 टेस्ट मैच हार चुके हैं. एशेज में वह सबसे ज्यादा मैच हारने वाले दूसरे कप्तान बन गए हैं. उनसे पहले नंबर आता है आर्ची मैक्लारेन का जिन्होंने अपनी कप्तानी में 11 टेस्ट मैच गंवाए. रूट को इन 10 हारों में आठ हार ऑस्ट्रेलिया में ही मिलीं. इसी के साथ वह विदेशी जमीन पर सबसे ज्यादा टेस्ट मैच हारने के मामले में संयुक्त रूप से नंबर-1 बन गए हैं. रूट के साथ ब्रायन लारा का नाम है जिन्होंने साउथ अफ्रीका में आठ टेस्ट मैच गंवाए थे.