संयक्त अरब अमीरात के दुबई एयरपोर्ट पर दो विमानों की टक्कर होने वाली थी. इस मामले में जांच शुरू हो गई है. डीजीसीए ने यूएई से रिपोर्ट मांगी है.

नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने संयुक्त अरब अमीरात के विमानन नियामक से 9 जनवरी की घटना पर रिपोर्ट साझा करने को कहा है. इस दिन भारत आने वाले दो विमानों की टक्कर होते-होते बची थी. जानकारी के मुताबिक एमिरेट्स एयरलाइन का विमान बोइंग 777 बीते रविवार 9 जनवरी को भारत की तरफ आ रहा था. उसने दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर टेक-ऑफ शुरू ही किया था, तभी एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने टेक-ऑफ नहीं करने के लिए कहा.
ऐसा इसलिए क्योंकि दुबई से बेंगलुरू जाने वाले एक और बोइंग 777 विमान ने रनवे को क्रॉस कर लिया था. ठीक इसी समय हैदराबाद जाने वाले विमान ने टेक ऑफ करना शुरू किया था. जब दो विमानों की टक्कर होते-होते बची, तब सैकड़ों लोग इनमें सवार थे. अगर विमानों की टक्कर हो जाती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था. बोइंग 777, 240 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से टेकऑफ कर रहा था, तभी उसे अपने टेक-ऑफ रन को रोकने के लिए कहा गया. ये अच्छी बात रही कि विमान ने सुरक्षित तरीके से अपना टेकऑफ रोक लिया.
दो विमानों में पांच मिनट का अंतर
एमिरेट्स के फ्लाइट शेड्यूल के अनुसार, दोनों ही विमानों के उड़ान भरने में पांच मिनट का अंतर था. दोनों की टक्कर टेकऑफ के दौरान हो सकती थी. डीजीसीए के सूत्रों के अनुसार, ‘दोनों ही पंजीकृत विमान हैं. घटना हवाई अड्डे पर हुई है, इसलिए आईसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) के अनुसार, इसकी जांच की जाएगी. भारत के डीजीसीए ने यूएई से कहा है कि जैसे ही जांच रिपोर्ट तैयार होती है, उसे साझा किया जाए.’ संयुक्त अरब अमीरात के विमानन जांच निकाय द एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन सेक्टर ने भी जांच शुरू कर दी है.
सुरक्षा में हुआ गंभीर उल्लंघन
एमिरेट्स ने गंभीर सुरक्षा चूक होने की बात कही है. साथ ही घटना की पुष्टि की है और समाचार एजेंसी एएनआई को सुरक्षा के गंभीर उल्लंघन के बारे में बताया है विमानों के क्रू के खिलाफ आतंरिक जांच भी होगी. प्राथमिक रिपोर्ट में सामने आया है कि हैदराबाद जाने वाला विमान एटीसी की मंजूरी के बिना की उड़ान भर रहा था. यूएई के बोइंग-बी777 विमान घटना के वक्त वहां तैनात थे. इन विमानों में 350 से 440 लोगों के बैठने की क्षमता होती है.