किसी बल्लेबाज के लिए शून्य पर आउट होना कोई बड़ी बात नहीं. बड़े बड़े बल्लेबाज हुए हैं. लेकिन, जैसे वॉर्नर होबार्ट में हुए वो ना तो उनके खेलने के अंदाज से मेल खाता है और ना ही पहले कभी उनके टेस्ट करियर में ऐसा देखने को मिला है.

होबार्ट टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओपनिंग खराब रही, क्योंकि डेविड वॉर्नर खाता नहीं खोल सके. उनके 11 साल के टेस्ट करियर में ये 10वीं बार था, जब वो शून्य पर आउट हुए थे. किसी बल्लेबाज के लिए शून्य पर आउट होना कोई बड़ी बात नहीं. बड़े बड़े बल्लेबाज हुए हैं. लेकिन, जैसे वॉर्नर होबार्ट में हुए वो ना तो उनके खेलने के अंदाज से मेल खाता है और ना ही पहले कभी उनके टेस्ट करियर में ऐसा देखने को मिला है.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा अलग क्या हुआ. तो सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि वॉर्नर आउट कैसे हुए. उन्हें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रोबिन्सन ने स्लिप में खड़े जैक क्रॉली के हाथों कैच कराया.
जब वॉर्नर आउट हुए तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सिर्फ 3 रन था.
अब जानिए कि वॉर्नर के आउट होने में ऐसा खास क्या रहा. तो वो बिना खाता खोले आउट हुए वो भी 22 गेंद खेलने के बाद. डेविड वॉर्नर शून्य पर तो आउट हुए पर ये उनके करियर का सबसे लंबा टेस्ट डक बन गया. इसी के साथ 22 गेंदें खेलने के बाद डक होने वाले वो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के पहले ओपनर बन गए.
इससे पहले उनके सबसे लंबे टेस्ट डक यानी सबसे ज्यादा गेंदें खेलकर शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड साल 2014 से जुड़ा है. जब भारत के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में वो 6 गेंद खेलकर खाता नहीं खोल सके थे.
इससे पहले उनके सबसे लंबे टेस्ट डक यानी सबसे ज्यादा गेंदें खेलकर शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड साल 2014 से जुड़ा है. जब भारत के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में वो 6 गेंद खेलकर खाता नहीं खोल सके थे.
साल 2016 में श्रीलंका के खिलाफ पल्लेकल टेस्ट वॉर्नर 5 गेंदें खेलने के बाद बिना खाता खोले आउट हुए थे.