स्टीव स्मिथ पिछले सात टेस्ट में दो बार जीरो के स्कोर पर आउट हो चुके हैं. उनका आखिरी शतक भारत के खिलाफ जनवरी 2021 में बना था.

ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर बल्लेबाज स्टीव स्मिथ इंग्लैंड के खिलाफ एशेज 2021 के आखिरी टेस्ट में खाता खोले बिना आउट हो गए. वे ऑली रॉबिनसन के शिकार बने जिन्होंने दो गेंद के अंदर ही उनका काम तमाम कर दिया. इसके साथ ही स्टीव स्मिथ का शतक का इंतजार लंबा हो गया. उन्होंने आखिरी बार भारत के खिलाफ जनवरी 2021 में सिडनी में शतक लगाया था. साथ ही दिसंबर 2020 के बाद एक बार फिर से वे खाता खोलने में नाकाम रहे. स्टीव स्मिथ सात टेस्ट में दो बार जीरो के स्कोर पर आउट हो चुके हैं. इससे पहले भारत के खिलाफ वे खाता खोलने में नाकाम रहे थे. लंबे समय तक टेस्ट के नंबर वन बल्लेबाज रहे स्टीव स्मिथ हालिया समय में बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं. सितंबर 2019 के बाद से अभी तक यानी करीब दो साल और चार महीने में उनके बल्ले से केवल एक शतक निकला है.
साल 2019 में वापसी के बाद से 18 टेस्ट में वे केवल चार शतक और नौ अर्धशतक लगा पाए हैं. किसी आम बल्लेबाज के लिए ऐसे आंकड़े कमाल के हैं लेकिन स्टीव स्मिथ के हिसाब से ठीक नहीं कहे जा सकते. साल 2019 में आठ टेस्ट में तीन और 2021 में पांच टेस्ट में वे एक शतक लगा पाए. इससे पहले 2017 में 11 टेस्ट में छह, 2016 में 11 टेस्ट में चार, 2015 में 13 टेस्ट में छह शतक लगाए थे. 2014 से 2019 के बीच स्मिथ की रन बनाने की औसत 78.7 की थी. इस दौरान आठ बार उन्होंने 150 रन से ज्यादा का स्कोर बनाया था. वहीं इस अवधि में उनके शतक लगाने का औसत 2.1 का था. यानी हर दूसरे टेस्ट में शतक लग जाता था.
2019 के बाद 29 पारियों में 4 शतक
2019 के बाद की अवधि में देखें तो स्टीव स्मिथ 29 पारियों में केवल चार शतक लगा पाए हैं. यानी शतक लगाने का औसत 7.2 का हो गया. यानी हर सात टेस्ट बाद शतक लग रहा है. साल 2019 को गौर से देखने पर पता चलता है कि इस साल उनके जो तीन शतक लगे थे वे सभी एशेज सीरीज में आए थे. इसके बाद उस साल शतक नहीं लगा पाए. ऐसे में सितंबर 2019 के बाद से स्मिथ का टेस्ट में हाल बुरा है. टेस्ट में उनका औसत 40 तक आ गिरा है.
जनवरी 2020 के बाद 6 बार दहाई तक भी नहीं पहुंचे
भारत के खिलाफ 2020-21 सीरीज के दौरान चार टेस्ट में वे केवल एक शतक और एक अर्धशतक लगा पाए थे. हालिया एशेज सीरीज के दौरान भी वे केवल दो फिफ्टी लगा पाए. इनमें से एक बार वे 93 रन तक पहुंचे थे. जनवरी 2020 के बाद से 10 टेस्ट में वे छह बार दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए हैं