छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगी है. उन्होंने इसके लिए दिन और तारीख भी तय की है और इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु’ की अनुमति मांगी है. मुख्यमंत्री के पिता नंदकुमार ने राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच के लेटर पैड पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख इच्छामृत्यु मांगी है. नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है. यह मांग नहीं माने जाने की सूरत में उन्होंने 25 जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन इच्छामृत्यु देने की मांग की है.
नंदकुमार बघेल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे अपने पत्र में लिखा कि लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकार मतदान के अधिकार को ईवीएम मशीन के द्वारा कराया जा रहा है. ईवीएम मशीन को किसी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्था या सरकार ने 100 प्रतिशत शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र नहीं दिया है. किसी भी मशीन को उपयोग में लाने से पूर्व मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्था या सरकार द्वारा मशीन का शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है. फिर भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में ईवीएम मशीन से मतदान कराकर वोट के उस संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है. जिससे मेरे एंव देश के नागरिकों के समस्त अधिकारों की रक्षा होती है.
मतपत्र से मतदान का मूल्यांकन हर नागरिक कर सकता है’
ईवीएम मशीन के द्वारा जिसके पक्ष में मैं मतदान करता हूं मेरा मत उसके पक्ष में संरक्षित हो रहा है अथवा नहीं? उसकी कोई गारन्टी मुझे नहीं मिलती है. और न ही मैं उसका मूल्यांकन व स्क्रूटनी कर सकता हूंऔर न ही कोई और कर सकता है. मतदान की सबसे विश्वसनीय पद्धती वही होती है जिसकी स्क्रूटनी कोई भी नागरिक स्वयं पूर्ण सन्तुष्टि तक कर सके. मतपत्र से मतदान का मूल्यांकन प्रत्येक नागरिक कर सकता है. परन्तु ईवीएम से कराये गये मतदान का मूल्यांकन आम आदमी तो क्या अधिकारी भी नहीं कर सकते है. जो राजनैतिक पार्टी सत्ता में होती है वह ईवीएम मशीन से जल्दी मतगणना का हवाला देकर उसे वैध करार देती आ रही है.
इच्छा मृत्यु के अलावा नहीं बचा कोई विकल्प
नंदकुमार कुमार बघेल ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जब मेरे समस्त अधिकारों का हनन हो रहा है. तो मेरे जीने का उद्देश्य ही समाप्त होता जा रहा है. माननीय राष्ट्रपति जी आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली है. परन्तु मेरे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो पा रही है. जिसके चलते मेरे पास इच्छा मृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. इसलिए स्वस्थ लोकतंत्र की रक्षा के लिए मुझे या तो बैलेट पेपर से चुनाव करने की अनुमति दी जाए. या मुझे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए. नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इच्छा मृत्यु देने की अनुमति मांगी है