अडाणी ग्रुप ने स्टील, रिन्यूएबल एनर्जी समेत अन्य सेक्टर में कारोबारी अवसर तलाशने के लिए दक्षिण कोरिया की स्टील कंपनी पॉस्को के साथ समझौता किया है.

देश के दूसरे सबसे धनी और जाने-माने उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी ग्रुप ने स्टील, रिन्यूएबल एनर्जी समेत अन्य सेक्टर में कारोबारी अवसर तलाशने के लिए दक्षिण कोरिया की स्टील कंपनी पॉस्को के साथ समझौता किया है. दोनों कंपनियों ने इस लिहाज से समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. अडाणी ग्रुप ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि एमओयू के तहत पांच अरब डॉलर तक का निवेश किया जा सकता है. अडाणी ग्रुप ने कहा कि उसने ‘‘गुजरात के मुंद्रा में हरित, पर्यावरण-अनुकूल एकीकृत इस्पात कारखाने की स्थापना और अन्य उद्यमों समेत व्यावसायिक सहयोग के अवसर तलाशने की सहमति जताई है. पांच अरब डॉलर तक का निवेश होने की संभावना है.’’
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच बनेगा अच्छा और टिकाऊ उद्यम सहयोग मॉडल
दोनों पक्ष प्रत्येक कंपनी की तकनीकी, वित्तीय और परिचालन संबंधी मजबूती से लाभ उठाने और सहयोग करने के अनेक विकल्पों का अध्ययन कर रहे हैं. पॉस्को के सीईओ जियोंग-वू चोई ने कहा कि उनकी कंपनी की स्टील मैन्यूफैक्चरिंग में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा एवं अवसंरचना में अडाणी समूह की विशेषज्ञता के साथ दोनों कंपनियां इस्पात एवं पर्यावरण-अनुकूल कारोबार में परस्पर सहयोग के साथ काम कर सकेंगी.
पॉस्को के सीईओ जियोंग-वू चोई ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि यह सहयोग भारत और दक्षिण कोरिया के बीच एक अच्छा और टिकाऊ उद्यम सहयोग मॉडल बनेगा.’’
गुजरात सरकार के साथ भी हुआ समझौता
अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा, ‘‘यह साझेदारी भारत के विनिर्माण उद्योग के विकास में तथा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत योजना में योगदान देगी. यह हरित उद्यमों में भारत की स्थिति को मजबूत करने में भी मददगार होगी.’’
पॉस्को और अडाणी ने सरकार के स्तर पर सहयोग और समर्थन के लिए गुजरात सरकार के साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं.
बताते चलें कि पॉस्को, भारत में सबसे उन्नत ऑटोमोटिव स्टील सप्लायर के रूप में जाना जाता है. पॉस्को पुणे, दिल्ली, चेन्नई और अहमदाबाद में चार प्रोसेसिंग सेंटर चलाता है. उम्मीद की जा रही है कि पॉस्को और अडाणी के बीच यह व्यापारिक सहयोग, भारतीय इस्पात उद्योग में प्रमुख भागीदारी तालमेल लाएगा.