भारतीय टीम ने केपटाउन टेस्ट की दूसरी पारी में तीसरे दिन सिर्फ 1 रन पर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के विकेट गंवा दिए थे.

साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने पहली पारी में 79 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इस दौरान कोहली ने 203 गेंदों का सामना किया. कोहली ने यही रुख दूसरी पारी में भी अपनाया, जब दूसरी पारी में भारतीय टीम के विकेट लड़खड़ाने लगे. इस दौरान तीसरे दिन कोहली ने साउथ अफ्रीकी पेसरों को थामने के लिए रनों पर ध्यान देने के बजाए विकेट पर टिकने पर जोर दिया और बिल्कुल कछुआ चाल में रन बनाकर टीम को संभाला.
मैच के तीसरे दिन भारत ने पहले दो ओवरों में ही चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद कोहली ने पंत के साथ पारी को संभाला. पंत खुलकर रन बना रहे थे, तो कोहली अनुशासन पर ध्यान देते हुए गेंदों को छोड़ने में व्यस्त थे. एक वक्त तो ऐसा आया कि कोहली ने लगातार 36 गेंदों पर कोई रन नहीं बनाया.
इतना ही नहीं पहला सेशन खत्म होने तक कोहली ने 127 गेंदों में सिर्फ 28 रन बनाए. हालांकि इस दौरान उन्होंने 4 साल पुराना एक कमाल दोहरा दिया. 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट के बाद ये पहला मौका है, जब कोहली ने किसी टेस्ट की दोनों पारियों में 100 से ज्यादा गेंदें खेली हैं.
भारत ने तीसरे दिन सिर्फ 1 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद ऋषभ पंत और कोहली ने मिलकर पांचवें विकेट के लिए बेहतरीन साझेदारी की और लंच तक नाबाद लौटे. इस दौरान दोनों ने 72 रनों की साझेदारी की, जिसमें पंत (51 नाबाद) ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जमाया.