क्रिकेट खेल

केपटाउन में अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के करियर का अंत ?

भारतीय टीम को अगले एक साल में सिर्फ 3 टेस्ट विदेशों में खेलने हैं, जबकि 6 टेस्ट घरेलू जमीन पर खेलने हैं. ऐसे में क्या मिडिल ऑर्डर में बदलाव का वक्त आ गया है?

भारत और साउथ अफ्रीका  के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच केपटाउन में खेला जा रहा है. साउथ अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने के इरादों के साथ पहुंची भारतीय टीम ने सेंचुरियन में जीत के साथ शुरुआत की, लेकिन जोहानिसबर्ग टेस्ट में टीम को हार झेलनी पड़ी और सीरीज 1-1 से बराबर हुई. ऐसे में केपटाउन में सीरीज का फैसला होना है और यहां जीत के लिए टीम इंडिया को अपनी बल्लेबाजों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन दोनों पारियों में ऐसा नहीं हो सका. खास तौर पर टीम के दो सीनियर बल्लेबाजों, चेतेश्वर पुजारा  और अजिंक्य रहाणे पर सबसे ज्यादा नजरें थीं, लेकिन सीरीज की आखिरी पारी में निराशाजनक बैटिंग के साथ ही दोनों के करियर पर पर्दा गिरता दिख रहा है.

इस सीरीज की शुरुआत से पहले ही चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और कप्तान विराट कोहली की फॉर्म सबसे ज्यादा चिंता का विषय थी. रहाणे और पुजारा के तो प्लेइंग इलेवन में खेलने तक पर सवाल था. हालांकि दोनों बल्लेबाजों ने सीरीज के तीनों मैच खेले और सिर्फ एक या दो पारियों को छोड़कर दोनों ही बल्लेबाज किसी तरह का बड़ा असर छोड़ने में नाकाम रहे. केपटाउन टेस्ट की दूसरी और सीरीज की आखिरी पारी में पुजारा 9 और रहाणे सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए. ऐसे में दोनों के इस सीरीज के आंकड़ों पर नजर डालना जरूरी है, जिससे दोनों के करियर के आगे बढ़ने या यहीं पर रुकने पर राय बनती है.

पुजारा के हाथ लगी नाकामी

शुरुआत पुजारा से. टीम के नंबर तीन बल्लेबाज पुजारा के लिए सीरीज की शुरुआत बेहद खराब रही थी और सेंचुरियन की पहली पारी में वह पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे. दूसरी पारी में भी वह सिर्फ 16 रन बना सके. फिर जोहानिसबर्ग में पहली पारी में काफी देर तक क्रीज पर टिकने के बावजूद सिर्फ 3 रन बने. हालांकि, दूसरी पारी में उन्होंने मुश्किल हालातों में टीम को संभाला और जुझारू बैटिंग करते हुए 53 रन बनाए. साथ ही रहाणे के साथ शतकीय साझेदारी की. फिर आखिरी टेस्ट में भी पुजारा ने पहली पारी में अच्छी शुरुआत की, लेकिन बड़ा स्कोर नहीं कर सके और 43 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि दूसरी पारी में सिर्फ 9 रन. इस तरह पुजारा ने 6 पारियों में सिर्फ 20.6 की औसत से 124 रन बनाए.

रहाणे भी ज्यादा बेहतर नहीं

वहीं पुजारा से ज्यादा विवाद रहाणे को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने को लेकर रहा. रहाणे ने भी सीरीज की सभी 6 पारियां खेलीं और पुजारा से कुछ ही बेहतर उनके आंकड़े रहे. रहाणे ने सेंचुरियन की पहली पारी में तेजी से 48 रन बनाए थे, जिसने अच्छे स्कोर में मदद की. फिर अगली पारी में 20 पर आउट हो गए. वहीं जोहानिसबर्ग में वह पुजारा के बाद पहली ही गेंद पर चलते बने, जबकि दूसरी पारी में पुजारा के साथ साझेदारी करते हुए खुद 58 रन बनाए. केपटाउन में आते-आते वह कगिसो रबाडा की दो बेहतरीन गेंदों का शिकार हुए. उनके स्कोर इन पारियों में 9 और 1 रन. यानी 6 पारियों में रहाणे ने 22.6 की औसत से 136 रन ही बनाए.

बदलाव का यही मौका!

पिछले करीब एक दशक से टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर की धुरी रहे इन दोनों बल्लेबाजों का ये हाल सिर्फ इस सीरीज में नहीं है, बल्कि पिछले करीब दो साल से ऐसा चल रहा है. इस दौरान दोनों का औसत 30 से नीचे का रहा है, जिसने टीम को मुश्किल में डाला है. साउथ अफ्रीका में दोनों को प्लेइंग इलेवन में रखने की बड़ी वजह इन परिस्थितियों में इनका अनुभव था. अब टीम इंडिया को अगले एक साल में विदेशों में सिर्फ 3 टेस्ट खेलने हैं, जिसमें एक इंग्लैंड और दो बांग्लादेश में हैं. उनसे पहले श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज है. ऐसे में मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए दोनों को टीम में जगह भले मिल जाए, लेकिन प्लेइंग इलेवन की राह मुश्किल है और बदलाव की ओर देखने का यही मौका है.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.