अंडे और चिकन के दामों में गिरावट जारी है. कारोबारियों का कहना है कि बाजार बंद होने की वजह से चिकन और अंडे के दाम लुढ़के है.

अंडे और चिकन की कीमत :नए साल की शुरुआत से अब तक अंडे और चिकन के दामों में गिरावट का सिलसिला जारी है. पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े कारोबारियों और किसानों का कहना है कि कोरोना की मार एक बार फिर से चिकन और अंडे की डिमांड पर पड़ रही है. बाजार जल्दी बंद हो रहे है. घर से लोग कम निकल रहे हैं. इसीलिए बिक्री घटी है. बीते कुछ दिनों में थोक मार्केट में चिकन और अंडे की कीमतें 30 फीसदी तक लुढ़क गई है. दिल्ली के सटे इलाकों के रिटेल मार्केट में एक अंडा अब 6-7 रुपये में मिल रहा है. इसी तरह रिटेल मार्केट में चिकन के दाम 180 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए है. की ओर से जारी कीमतों के मुताबिक नए साल में लगातार 11वें दिन अंडे के दाम लुढ़के है. दिल्ली के बाजार में 100 अंडे की कीमत अब गिरकर 500 रुपये पर आ गई है.

वहीं, हैदाराबाद में इस सयम सबसे कम अंडे के दाम है. वहां, 440 रुपये प्रति सैकड़ा के हिसाब से अंडे बेचे जा रहे हैं. इसके अलावा थोक बाजार में चिकन 90 से 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है.
अंडे की कीमत
इस समय सबसे अधिक अंडे की मांग मुंबई और उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों में है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अंडे की कीमत 533 रुपये प्रति सैकड़ा है. इसी तरह राजधानी लखनऊ में दाम 533 रुपये प्रति सैकड़ा है.
गाजीपुर के अंशुल गुप्ता ने कि दिल्ली के बाजार में लगातार पाबंदी के कारण खरीदार कम हो गए. वहीं, उत्तर प्रदेश पॅाल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया पोल्ट्री फार्मर्स की कोई भी सुध लेने वाला नहीं है.
पहले बढ़ती लागत ने किसान को पनपने नहीं दिया. अब कोरोन की मार ने किसान और कारोबारियों की चिंताएं बढ़ा दी है. इसी मौसम में दोनों को सबसे ज्यादा फायदा होता है. लेकिन बाजारों के जल्दी बंद होने से डिमांड बैठ गई है
नवाब साहब कहते हैं कि अभी किसान के घर से एक मुर्गे की कीमत 90 से 100 रुपये है. वहीं, रंगीन मुर्ग की कीमत 110 से 130 रुपये है.
इसके अलावा सोयाबीन की कीमत स्थिर है. जबिक मक्का जो बिहार से आता है उसके दाम बढ़ गए है. वैसे तो बिहार से 1800 से 1990 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहा है. लेकिन ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ने से ये और महंगा हो जाता है. इसकी कीमत तकरीबन 2000 रुपये क्विंटल तक पहुंच रही है. इसका मतलब साफ है लागत दोगुना हो चुकी है.
अब आगे क्या होगा
कारोबारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट और होटल बंद हो गए है. इसीलिए डिमांड तेजी से गिरी है. दिल्ली के गाजीपुर मुर्गामंडी के कारोबारी ने बताया कि एक किलो चिकन की कीमत 120 रुपये किलोग्राम पर आ गई है.
वहीं आम खरीदार तक पहुंचते पहुंचते इसका दाम बढ़कर 180-200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाते है. कारोबारी नजीब मलिक बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर अंडे पर पड़ा है.
इसके अलावा इस मौसम में सबसे अधिक मुर्गियों को बचाने में परेशानी होती है. दिसंबर के दो सप्ताह तक तो अच्छी कीमत मिली लेकिन अब हम बहुत परेशान हैं.
कारोबारियों का कहना है कि अब तक सबकुछ भगवान भरोसे है. हालांकि, कारोबारियों को उम्मीद है कि फरवरी के पहले हफ्ते में स्थिति सुधर जाएगी.