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भारत में गोल्ड एक्सचेंज शुरू करने की गाइडलाइन जारी, ऐसे होगी ट्रेडिंग

फ्रेमवर्क आने से एक्सचेंज अब सेबी के पास शुरू करने की अर्जी दे सकेंगे. इसके अलावा एक्सचेंज नए सेगमेंट में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट की ट्रेडिंग करा सकेंगे.

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोने के इलेक्ट्रॉनिक रूप में कारोबार के लिए गोल्ड एक्सचेंज  के परिचालन की रूपरेखा जारी की. इस बाजार में सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स रसीद के रूप में होगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा कि जो शेयर बाजार ईजीआर में कारोबार शुरू करने के इच्छुक हैं, वे इसके लिये आवेदन कर सकते हैं. शेयर बाजार कारोबार या ईजीआर को सोन में बदलने को लेकर अलग-अलग मात्रा के साथ अनुबंध शुरू कर सकते हैं. नई रूपरेखा के तहत, पूरा सौदा तीन चरणों- ईजीआर तैयार करना, शेयर बाजार में ईजीआर में कारोबार और ईजीआर को फिजिकल गोल्ड में बदलना होगा.

डिपॉजिटरीज एक साझा प्लेटफॉर्म विकसित करेंगे. इस प्लेटफॉर्म पर सबकी पहुंच होगी. इसमें डिपॉजिटरीज, शेयर बाजार, समाशोधन निगम, ‘वॉल्ट’ प्रबंधक शामिल हैं. ‘वॉल्ट’ यानी तिजोरी या ‘स्ट्रांग रूम’ प्रबंधक का काम मान्यता प्राप्त भंडारण स्थानों पर सोने को रखना है. ‘वॉल्ट’ प्रबंधक को सोना सेबी द्वारा निर्धारित तरीकों से रखना होगा. साथ ही गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही होगी. सेबी ने कहा कि नया विधान तत्काल प्रभाव से अमल में आएगा.

वॉल्ट मैनेजर्स के नियम भी हुए हैं जारी

इससे पहले सरकार ने प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) कानून, 1956 के तहत 24 दिसंबर को एक अधिसूचना के जरिये इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स को प्रतिभूति के रूप में घोषित किया था. नियामक ने अलग से 31 दिसंबर को ‘वॉल्ट’ मैनेजर्स के लिये नियम अधिसूचित किये थे.

सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, फिजिकल गोल्ड की सप्लाई सोने की ताजा जमा राशि होगी. इसे ईजीआर में परिवर्तित किया जाएगा. सोने की आपूर्ति या तो आयात के माध्यम से या शेयर बाजार से मान्यता प्राप्त घरेलू रिफाइनरियों के माध्यम से तिजोरी या स्ट्रांग रूप में की जाएगी.

तिजोरी में जमा सोने को ईजीआर में तब्दील करने पर विचार किया जा सकता है. ‘वॉल्ट’ प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि सोने को ईजीआर में बदलने पर वे सभी मानदंडों को पूरा करे.

वॉल्ट मैनेजर की होगी ये जिम्मेदारी

वॉल्ट मैनेजर के दायित्वों में जमा स्वीकार करना, सोने का भंडारण करना और उसे सुरक्षित रखना, ईजीआर का सृजन और उसकी निकासी, शिकायतों का समाधान करना और आवधिक आधार पर हाजिर सोने का डिपॉजिटरी के रिकॉर्ड के साथ मिलान करना शामिल है.

कौन कर सकता है वॉल्ट मैनेजर के लिए आवेदन?

वॉल्ट मैनेजर के रूप में काम करने के इच्छुक व्यक्ति को पहले सेबी के पास रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा. इसके पात्रता मानदंडों के बारे में सेबी ने कहा कि भारत में स्थापित और न्यूनतम 50 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाला कॉर्पोरेट निकाय वॉल्ट मैनेजर के लिए आवेदन कर सकता है.

जो भी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा वह उस समय तक वैध रहेगा जब तक कि नियामक उसे निलंबित या रद्द नहीं कर देता है. सेबी ने कहा, जब कोई वॉल्ट मैनेजर नियमनों में निर्धारित से अलग गतिविधियां करेगा, तो उसके कारोबार में वॉल्ट मैनेजर से संबधित गतिविधियां अन्य से अलग होनी चाहिए.

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Pooja Pandey

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