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भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का किया सफल परीक्षण, ‘सी-टू-सी’ वेरिएंट का INS विशाखापत्तनम से हुआ टेस्ट

भारतीय नौसेना के सूत्रों ने बताया कि भारत ने INS विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के ‘सी-टू-सी’ वेरिएंट का सफल परीक्षण किया.

Brahmos

भारत ने आज पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. मिसाइल के ‘सी-टू-सी’ वेरिएंट का अधिकतम सीमा पर परीक्षण किया गया और इसने सटीक सटीकता के साथ एक जहाज को निशाना बनाया. भारतीय नौसेना  के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. भारत ने ये टेस्ट तब किया है, जब चीन और पाकिस्तान  के साथ सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है.

इससे पहले, आठ दिसंबर को ओडिशा के तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस हवा से मार करने वाले वेरिएंट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन  के सूत्रों ने यह जानकारी दी थी. इस अभियान को ब्रह्मोस के विकास में मील का एक प्रमुख पत्थर बताते हुए सूत्रों ने कहा था कि मिसाइल के हवा से मार करने वाले वेरिएंट का सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से परीक्षण किया गया. उन्होंने कहा था कि इस प्रक्षेपण से हवा से मार करने वाले वेरिएंट वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के बड़े पैमाने पर उत्पादन का रास्ता साफ कर दिया है.

क्या हैं ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत?

ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता इसे और ज्यादा घातक बनाती है. इसकी रेंज को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा, दुश्मन के रडार से बच निकलने में भी ये मिसाइल माहिर है. रूस और भारत के संयुक्त प्रोजेक्ट के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल को तैयार किया गया था. इसमें Brah का मतलब है ‘ब्रह्मपुत्र’ और Mos का मतलब ‘मोस्‍कवा’. मोस्कवा रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है. ब्रह्मोस की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में होती है, जो एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ये मिसाइल 4300 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है. ये 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन को निशाना बना सकती है.

लखनऊ में हुआ ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई का शिलान्यास

हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई का शिलान्यास किया गया. जल्द ही यहां पर ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा. वहीं, शिलान्यास के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे थे. उन्होंने कहा कि हम ब्रह्मोस मिसाइल बना रहे हैं, रक्षा के दूसरे उपकरण और हथियार बना रहे हैं तो दुनिया के किसी देश पर आक्रमण करने के लिए नहीं बना रहे हैं. हम तो हिंदुस्तान की धरती पर ब्रह्मोस इसलिए बनाना चाहते हैं कि भारत के पास कम से कम ऐसी ताकत हो कि दुनिया का कोई देश भारत की तरफ बुरी नजर उठाकर देखने की जुर्रत न करे.

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Pooja Pandey

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