हरमनप्रीत सिंह अमृतसर के रहने वाले हैं. वह भारतीय हॉकी टीम का अहम हिस्सा रहे हैं

टोक्यो ओलिंपिक में भारत को ऐतिहासिक मेडल दिलाने में जिन खिलाड़ियों का रोल अहम रहा उनमें ड्रैग फ्लिक एक्सपर्ट हरमनप्रीत सिंह भी शामिल थे. आज यानि छह जनवरी को उनका जन्मदिन है और वह 26 साल के हो रहे हैं.
साल 2014 में मलेशिया में हुए सुल्तान जौहर कप में नौ पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला था. 2016 में जूनियर विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा बने और टीम को खिताब दिलाने में योगदान दिया. साल 2016 में हुए रियो ओलिंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा थे. 2018 में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में टीम को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में योगदान दिया.

हरमनप्रीत सिंह का जन्म एक अमृतसर से कूछ दूर गांव में किसान परिवार में हुआ है. बचपन में वह अपने पिता के साथ खेत पर जाया करते थे. उन्हें ट्रैक्टर चलाना बहुत पसंद था और पिता के साथ ट्रैक्टर चलाने की कोशिश करते थे. छोटे-छोटे हाथों से ट्रैक्टर चलाते हुए उनकी ताकत बढ़ी जिससे वह आगे चलकर ताकतवर ड्रैग फ्लिक लगाते है.
हरमनप्रीत सिंह 14 साल की उम्र में ही जालंधर में सुरजीत हॉकी अकेडमी में जाने का फैसला किया. शुरुआत में वह बतौर फॉरवर्ड खेलते थे , हालांकि अकेडमी के कोच ने उन्हें डिफेंडर बनने की सलाह दी. इसके बाद अपनी सीनियर्स को देखकर वह ड्रैगफ्लिक का अभ्यास करने लगे.
हरमनप्रीत ने टोक्यो ओलिंपिक के आठ मैचों में ड्रैग-फ्लिक से 6 गोल किए थे, जिससे भारतीय पुरुष टीम 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रही. उनके इस प्रदर्शन के कारण उन्हें एफआईएच ने पिछले साल प्लेयर ऑफ द ईयर चुना है.