पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पर विदेश से मिले चंदे को छिपाने के आरोप लग रहे हैं. विपक्ष ने उनकी आलोचना करते हुए उन्हें चोर कहा है.

पाकिस्तान में भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा करके सत्ता में आए प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उनपर सत्ताधारी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी यानी पीटीआई के लिए विदेश से मिले चंदे को छिपाने के आरोप लगे हैं. जिसके चलते विपक्षी दलों ने इमरान की खूब आलोचना की है. लेकिन फिर भी पीटीआई पाकिस्तान चुनाव आयोग के विदेशी फंडिंग मामले में सामने आए चुनावी चंदे के करोड़ों रुपये का खुलासा नहीं कर रही है.
इस मसले पर चुनाव आयोग के जांच दल ने एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें ये अहम जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट से पता चला है कि पीटीआई ने आयोग को फंडिंग के मसले में गलत जानकारी दी थी. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के स्टेट बैंक के स्टेटमेंट से पता चला है कि पार्टी को 1.64 अरब रुपये मिले थे, जिसमें से 31 करोड़ रुपये से अधिक का कोई हिसाब किताब नहीं रखा गया. जिसके चलते पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार की निंदा की है और मामले में जांच की मांग की है.
विपक्ष ने चोरी का आरोप लगाया
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने एक बयान में कहा कि इमरान खान ने ना सिर्फ चोरी की और छिप गए, बल्कि लोगों के पैसे भी लूटे हैं. पीडीएम के प्रवक्ता हाफिज हमदुल्ला ने एक बयान जारी कर कहा कि ईसीपी के निष्कर्षों से इमरान खान और पीटीआई की चोरी का खुलासा होता है. हमदुल्ला ने कहा कि जांच दल ने पीटीआई का असल चेहरा देश के सामने बेनकाब कर दिया है. दूसरों पर चोरी का आरोप लगाने वाले इमरान खान और पीटीआई खुद चोर साबित हुए हैं.
2014 में दायर हुआ था केस
प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के खिलाफ विदेशी चंदे के मामले में साल 2014 में पार्टी के ही संस्थापक सदस्य अकबर बाबर ने मामला दायर किया था. बाबर ने मूल फाइलिंग में अनियमित्ताओं का आरोप लगाया है. जिसमें पैसे के अवैध स्रोत, पाकिस्तान और विदेशों में छिपे हुए बैंक अकाउंट, मनी लॉन्ड्रिंग और मध्य पूर्व से अवैध पैसा प्राप्त करने के लिए निजी बैंक अकाउंट के उपयोग सहित कई आरोप शामिल हैं.