फ्रांस में अब तक IHU वेरिएंट के एक दर्जन मामले ही सामने आए हैं. किसी अन्य देश ने नए वेरिएंट के किसी भी नए मामले की जानकारी नहीं दी है.

कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के तेजी से फैलने के बीच दुनिया में एक नई मुसीबत ने दस्तक दे दी है. फ्रांस में वायरस के नए वेरिएंट की खोज हुई है, जिसे IHU नाम दिया गया है. इस वेरिएंट को लेकर दुनियाभर के विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है. माना जा रहा है कि इसकी वजह से संक्रमण की नई लहर आ सकती है. इस वेरिएंट के जेनेटिक कोड में 46 म्यूटेशन और 37 डिलीशन है. इसमें से कई स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं.
IHU वेरिएंट B.1.640 का सब-लीनियेज है और इसकी खोज की घोषणा फ्रांस के ‘इंस्टिट्यूट हॉस्पिटलो-यूनिवर्सिटेयर्स’ (IHU, या यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट्स) के रिसर्चर्स ने की थी. यही वजह है कि वेरिएंट को IHU नाम दिया गया है. इसे B.1.640.2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है. ये वेरिएंट ऐसे समय पर आया है, जब दुनियाभर में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दहशत फैलाई हुई है. ओमिक्रॉन तेजी से दुनिया के कई मुल्कों में फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया गया है.
IHU को कब खोजा गया था?
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, IHU वेरिएंट का पहला ज्ञात मामला नवंबर 2021 के बीच में पता चला था. यह ओमिक्रॉन की आधिकारिक खोज (24 नवंबर को) से पहले खोजा गया था. नया वेरिएंट फ्रांस के एक व्यक्ति में पाया गया था, जो अफ्रीका के कैमरून से लौटा था (वह महाद्वीप जहां ओमिक्रॉन भी खोजा गया था). उसे फेफड़ों संबंधी लक्षण महसूस होने लगे और फिर कोरोना टेस्ट में वह संक्रमित पाया गया. वहीं, उसके शरीर में B.1.640.2 वेरिएंट की पुष्टी की गई. उसके बाद दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस में 11 और मामले सामने आए.
क्या है B.1.640 लीनियेज?
ये लीनियेज नया नहीं है. कोविड संसाधनों और महामारी विज्ञान डेटा के एक ओपन-सोर्स डेटाबेस के मुताबिक, B.1.640 का पहली बार 1 जनवरी, 2021 को पता चला था. इसने बताया कि इस लीनियेज से जुड़े 400 संक्रमणों की अब तक पहचान की जा चुकी है. 19 देशों में B.1.640 मामलों का पता चला है, जिसमें भारत में भी एक केस शामिल है. वैश्विक डेटाबेस में रिपोर्ट किए गए 89,763 सीक्वेंस से भारतीय मामले का पता चला था. B.1.640 वेरिएंट के सबसे अधिक मामले फ्रांस (287), इसके बाद कांगो (39), जर्मनी (17) और यूनाइटेड किंगडम (16) में सामने आए हैं.
क्या IHU वेरिएंट अधिक तेजी से फैल रहा है?
फ्रांस में अब तक IHU वेरिएंट के एक दर्जन मामले ही सामने आए हैं. किसी अन्य देश ने नए वेरिएंट के किसी भी नए मामले की जानकारी नहीं दी है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि B.1.640.2 अधिक मजबूत है या कोरोनावायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है. यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक IHU वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’, ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ या ‘वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन’ नहीं माना है. मेडरेक्सिव में प्रकाशित एक प्री-प्रिंट पेपर के अनुसार, IHU वेरिएंट की वायरोलॉजिकल, महामारी विज्ञान या क्लिनिकल फीचर पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी.