साल भर के निवेश वाले कई प्लान हैं जो आपको 5-6 परसेंट तक रिटर्न दे सकते हैं. इसमें लिक्विड फंड का खास नाम है. इसी तरह आप फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट में भी कम समय के लिए पैसे लगाकर अच्छा ब्याज प्राप्त कर सकते हैं

बाजार में कई ऐसे प्लान हैं जो आपको 1 साल के निवेश पर 6 फीसदी तक का रिटर्न दे सकते हैं. आपको लगता होगा कि फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट का नाम ही इसमें शामिल है जो कम समय में अच्छा रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन और भी कई निवेश के साधन हैं जो सालभर में संतोषजनक ब्याज या रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट का नाम इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि इस पर सरकार की ओर से तय ब्याज दरें मिलती हैं. और भी कई प्लान हैं जिन्हें सरकार से भले समर्थन प्राप्त न हो, मगर रिटर्न मिलने की अच्छी गुंजाइश होती है. इनमें एक नाम लिक्विड फंड का भी है.

लिक्विड फंड ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो शॉर्ट टर्म डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. लिक्विड फंड का निवेश कॉमर्शियल पेपर, गवर्मेंट सिक्योरिटीज, डिपॉजिट सर्टिफिकेट आदि में किया जाता है. लिक्विड फंड में औसतन सालाना 3 फीसदी तक रिटर्न पाया जा सकता है. कुछ सबसे अच्छे लिक्विड फंड की बात करें तो लिस्ट में क्वांट लिक्विड फंड, आईडीबीआई लिक्विड फंड, एडलवाइज लिक्विड फंड, महिंद्रा मेन्युलाइफ लिक्विड फंड के नाम मशहूर हैं.
साल भर के प्लान में अगला नाम अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स का नाम शामिल है जो 3-5 फीसदी तक रिटर्न दे सकता है. ये ऐसे फंड होते हैं जो कुछ महीने के साथ साल भर के लिए निवेश का लक्ष्य लिए रहते हैं. जिन लोगों को कम अवधि में अधिक रिटर्न की चाह होती है, वे इस तरह के फंड में पैसा लगाते हैं. इसी तरह लो ड्यूरेशन फंड्स का भी नाम है जो 3-6 फीसदी तक रिटर्न दे सकता है. इसके बाद नाम आता है फिक्स्ड डिपॉजिट का जो 3-5.5 परसेंट तक ब्याज देता है. लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक एफडी स्कीम चलाते हैं जो कुछ दिनों से लेकर 5 साल तक के लिए भी हो सकते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट सबसे लोकप्रिय स्कीम
फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह रेकरिंग डिपॉजिट भी आम लोगों में बेहद लोकप्रिय स्कीम है. इस स्कीम में हर महीने कुछ-कुछ रुपये जोड़कर प्लान की मैच्योरिटी के वक्त अच्छी-खासी रकम पा सकते हैं. मौजूदा समय में रेकिरिंग डिपॉजिट पर 3.5-5 फीसदी तक ब्याज मिल सकता है. इस तरह की स्कीम में लगातार निवेश बनाए रखना होता है तभी ब्याज से कमाई का बेहतर लाभ मिलता है. एफडी और आरडी इसी तरह की स्कीम हैं. इन स्कीम की ब्याज दरों को लेकर सरकार समीक्षा करती है और दरें तय करती है. निर्धारित दरों के आधार पर ही बैंक या पोस्ट ऑफिस ग्राहकों को ब्याज देते हैं.
ध्यान रखने वाली बात है कि म्यूचुअल फंड में रिटर्न पूरी तरह से बाजार पर आधारित होता है. पूर्व में रिटर्न का जो औसत रहता है, उसी आधार पर भविष्य के रिटर्न का अंदाजा लगाया जाता है. बाजार के जोखिमों के आधार पर रिटर्न की दर घट भी सकती है. इसलिए निवेशकों को हमेशा इस बात से आगाह किया जाता है कि वे सोच-विचार कर ही म्यूचुअल फंड में निवेश करें.
किसे करना चाहिए निवेश
साल भर के इनवेस्टमेंट प्लान में निवेश की सलाह उन लोगों को दी जाती है जिन्हें जल्दी में इमरजेंसी फंड जुटाने की दरकार होती है. जो लोग सेविंग बैंक अकाउंट में लिक्विड कैश या पैसे जमा रखते हैं, उनके लिए साल भर के इनवेस्टमें प्लान जैसे कि लिक्विड फंड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड, लो ड्यूरेशन फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट और में निवेश को सही विकल्प के तौर पर देखा जाता है. इसके लिए चेक कर सकते हैं.
इस तरह के फंड डेट स्कीम के अंतर्गत आते हैं जो आपको गारंटी रिटर्न का आश्वासन नहीं देते हैं, लेकिन एक स्थिर रिटर्न का भरोसा जरूर दिलाते हैं. कुछ महीने के बजाय अगर साल भर का निवेश बनाए रखें तो संतोषजनक रिटर्न मिलने की गुंजाइश बनी रहती है. इस तरह के प्लान से अपने निवेश और जमा-पूंजी बनाए रखने का लक्ष्य तय करने में मदद मिलती है. अगर आप जोखिम लेना पसंद करते हैं, तो आपके लिए इमरजेंसी फंड जुटाना जरूरी होता है. ऐसे में ऊपर बताई गई किसी स्कीम में निवेश आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है. आपके लिए कौन सी स्कीम कारगर होगी, इसकी जानकारी कोई विशेषज्ञ दे सकता है, जिसकी सलाह पर आपको निवेश करना चाहिए.