ऑड न्यूज़ काम की बात

बदल गए क्रेडिट स्कोर से जुड़े नियम- खराब स्कोर के बाद अब नहीं लगा पाएंगे शेयर बाजार में पैसा

CIBIL Score: नए नियमों का फायदा उन फिनटेक कंपनियों को भी होगा जिनके पास एनबीएफसी लाइसेंस नहीं है.और कर्ज देने के लिए उन्होंने बैंकों के साथ करार किया हुआ है.

आने वाले दिनों में अगर आपके खराब क्रेडिट स्कोर की वजह से कोई बीमा कंपनी आपको बीमा देने से मना कर दें या कोई स्टॉक ब्रोकर आपका डी-मैट अकाउंट न खोले तो आप चौकिंएगा मत.क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बदले गए नए नियमों के बाद कई कंपनियों को क्रेडिट ब्यूरो का डेटा एक्सेस करने की छूट दी गई है. नए नियमों का फायदा उन फिनटेक कंपनियों को भी होगा जिनके पास NBFC लाइसेंस नहीं है… और कर्ज देने के लिए उन्होंने बैंकों के साथ करार किया हुआ है अब ये कंपनियां क्रेडिट स्कोर के आधार पर अच्छे ग्राहकों की पहचान कर उन्हें कर्ज दे सकेंगी. ये कंपनियां ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भी करार करके बाय नाउ पे लेटर जैसी और स्कीमों की पेशकश कर सकती है.फिनटेक कंपनियों को ग्राहकों के क्रेडिट ब्यूरो या सिबिल स्कोर का एक्सेस मिलने से एक और लाभ हो सकता है… कर्ज लेकर इमानदारी से चुकाने वाले लोगों को कर्ज लेने के लिए कई सारे ऑप्शन मिल जाएंगे.

कर्ज देने के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो अच्छा सिबिल स्कोर रखने वाले ग्राहकों को कई ऑफर भी मिल सकते हैं… या हो सकता है कर्ज ही सस्ता मिल जाए. फिनटेक कंपनियों को भी इस व्यवस्था का फायदा होगा… सिबिल स्कोर की सहायता से उन्हें कर्च जुकाने वाले इमानदार लोग मिलेंगे.

नई व्यवस्था से फिनटेक कंपनियां आपका क्रेडिट स्कोर सिबिल जैसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो से हासिल कर पाएंगी.. यानी इनके पास आपके कर्ज और क्रेडिट स्कोर की पूरी जानकारी लेने की इजाजत होगी.. इसके लिए रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज रेगुलेशन 2006 में बदलाव किया है.. बड़ी बात ये भी है कि हालिया नोटिफिकेशन रिजर्व बैंक के दो साल पहले के रुख से बिलकुल उलट है…. 2 साल पहले आरबीआई ने कहा था कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन को सीधे तौर पर फिनटेक कंपनियों को साझा नहीं किया जा सकता है…. तब RBI ने कहा था कि बैंक फिनटेक फर्मों को एजेंट के तौर पर नियुक्त कर रहे हैं जो कि नियमों के खिलाफ है…

यह भी संभावना है कि इससे धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगेगी. हालांकि इस बार रिजर्व बैंक ने फिनटेक कंपनियों के लिए कुछ शर्तें तय कर दी हैं…

क्या होंगे नियम?

रिजर्व बैंक ने भले ही फिनटेक कंपनियों को बड़ी छूट दी है, लेकिन उसने ये भी पुख्ता करने की कोशिश की है कि आम लोगों के हित सुरक्षित रहें. पहली बात तो ये है कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए कंपनी की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए… तभी ये कंपनियां बैंक और दूसरी फाइनेंस कंपनियों को क्रेडिट इंफॉर्मेशन प्रोसेस करने में मदद दे पाएंगी….एक बड़ी शर्त ये भी रखी गई है कि इन फिन

नई व्यवस्था से फिनटेक कंपनियां आपका क्रेडिट स्कोर सिबिल जैसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो से हासिल कर पाएंगी.. यानी इनके पास आपके कर्ज और क्रेडिट स्कोर की पूरी जानकारी लेने की इजाजत होगी.. इसके लिए रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज रेगुलेशन 2006 में बदलाव किया है.. बड़ी बात ये भी है कि हालिया नोटिफिकेशन रिजर्व बैंक के दो साल पहले के रुख से बिलकुल उलट है…. 2 साल पहले आरबीआई ने कहा था कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन को सीधे तौर पर फिनटेक कंपनियों को साझा नहीं किया जा सकता है…. तब RBI ने कहा था कि बैंक फिनटेक फर्मों को एजेंट के तौर पर नियुक्त कर रहे हैं जो कि नियमों के खिलाफ है…

यह भी संभावना है कि इससे धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगेगी. हालांकि इस बार रिजर्व बैंक ने फिनटेक कंपनियों के लिए कुछ शर्तें तय कर दी हैं…

क्या होंगे नियम?

रिजर्व बैंक ने भले ही फिनटेक कंपनियों को बड़ी छूट दी है, लेकिन उसने ये भी पुख्ता करने की कोशिश की है कि आम लोगों के हित सुरक्षित रहें. पहली बात तो ये है कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए कंपनी की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए… तभी ये कंपनियां बैंक और दूसरी फाइनेंस कंपनियों को क्रेडिट इंफॉर्मेशन प्रोसेस करने में मदद दे पाएंगी….एक बड़ी शर्त ये भी रखी गई है कि इन फिन

नई व्यवस्था से फिनटेक कंपनियां आपका क्रेडिट स्कोर सिबिल जैसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो से हासिल कर पाएंगी.. यानी इनके पास आपके कर्ज और क्रेडिट स्कोर की पूरी जानकारी लेने की इजाजत होगी.. इसके लिए रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज रेगुलेशन 2006 में बदलाव किया है.. बड़ी बात ये भी है कि हालिया नोटिफिकेशन रिजर्व बैंक के दो साल पहले के रुख से बिलकुल उलट है…. 2 साल पहले आरबीआई ने कहा था कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन को सीधे तौर पर फिनटेक कंपनियों को साझा नहीं किया जा सकता है…. तब RBI ने कहा था कि बैंक फिनटेक फर्मों को एजेंट के तौर पर नियुक्त कर रहे हैं जो कि नियमों के खिलाफ है…

यह भी संभावना है कि इससे धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगेगी. हालांकि इस बार रिजर्व बैंक ने फिनटेक कंपनियों के लिए कुछ शर्तें तय कर दी हैं…

क्या होंगे नियम?

रिजर्व बैंक ने भले ही फिनटेक कंपनियों को बड़ी छूट दी है, लेकिन उसने ये भी पुख्ता करने की कोशिश की है कि आम लोगों के हित सुरक्षित रहें. पहली बात तो ये है कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए कंपनी की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए… तभी ये कंपनियां बैंक और दूसरी फाइनेंस कंपनियों को क्रेडिट इंफॉर्मेशन प्रोसेस करने में मदद दे पाएंगी….एक बड़ी शर्त ये भी रखी गई है कि इन फिन

केशन होना चाहिए जो ये बताता हो कि कंपनी के पास एक पुख्ता और सुरक्षित इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम है…यानी फिनटेक कंपनियों के पास जा रही एक आम शख्स की जानकारियां पूरी तरह से सुरक्षित रहें इसका इंतजाम किया गया है.

कितने हैं क्रेडिट ब्यूरो?

फिलहाल देश में चार क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो काम कर रहे हैं. ये हैं ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपीरियन और CRIF मार्क.

आरबीआई का ये कदम ऐसे वक्त पर खासा अहम है जबकि डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के कामकाज के तौर-तरीकों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं.रिजर्व बैंक की सख्ती के बाद कई ऐप्स को ब्लॉक भी किया गया है, हालांकि, आम लोगों को कर्ज चुकाने के नाम पर अभी भी परेशान किया जा रहा है. उम्मीद है कि रिजर्व बैंक भारत में इस सेक्टर के रेगुलेशंस को और मजबूत बनाएगा ताकि ग्राहकों के हित भी सुरक्षित रहें और ये सेक्टर भी ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर पाए.इससे धोखाधड़ी के मामलों पर भी लगाम लगेगी.

Avatar

Pooja Pandey

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Welcome to fivewsnews.com, your reliable source for breaking news, insightful analysis, and engaging stories from around the globe. we are committed to delivering accurate, unbiased, and timely information to our audience.

Latest Updates

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.

    Fivewsnews @2024. All Rights Reserved.