एलिजाबेथ होम्स पैसों और शौहरत की भूख में सबसे बड़े फ्रॉड को अंजाम देने वाली एलिजाबेथ होम्स को अदालत ने धोखाधड़ी का दोषी करार दिया है. इसी के साथ अब होम्स की पूरी जिंदगी जेल में बीतेगी.

किसी ने सच ही कहा है शोहरत और दौलत का नशा कुछ ऐसा है, जो उतरते भी नहीं उतरता… और तब इसे रोकना और भी मुश्किल है जब पैसों और शौहरत की भूख में कोई कुछ ना समझें… हाल ही में अमेरिका में एक हेल्थ-टेक्नोलॉजी कंपनी का बड़ा आपराधिक मामला सामने आया है. जिसमें थेरानोस नाम की स्टार्टअप कंपनी की संस्थापक एलिजाबेथ होम्स को अमेरिकी अदालत ने तीन जनवरी 2022 को चार चार्जेज पर दोषी करार दिया गया है. इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलिजाबेथ होम्स को हर आरोप के लिए 20 साल तक की सजा मिल सकती है.
दौलत और शोहरत पाने की चाह में झूठ और फरेब की दुनिया में कदम रख चुकी एलिजाबेथ होम्स शायद शरुआत में नहीं जानती थी कि, झूठ की नींव बेशक कितनी भी मजबूती से क्यों ना बनाई जाए, लेकिन समय से पहले ही ढह जाती है. आज हम आपको बताएंगे एलिजाबेथ होम्स के झूठ की कहानी आखिर शुरू कहां से हुई, और यह कहानी आपको जाननी जरूरी भी है, ताकि आप भविष्य में ऐसे मामलों में ना फंसे.
कहां से हुई शुरुआत?
ये कहानी साल 2003 की है, जब केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही एलिजाबेथ होम्स ने सेकंड ईयर में ही स्टैनफोर्ड को छोड़ दिया. इस दौरान 19 साल की होम्स ने टेक स्टार्टअप कंपनी की शुरुआत की. जिसका नाम रखा गया ‘थेरानोस’. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कंपनी ब्लड टेस्टिंग की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने का दावा करती थी. ये दावा कुछ ऐसा था कि, इससे बहुत सारे परीक्षणों को खून की कुछ ही बूंदों से किया जा सकता है.
कंपनी को मिली फंडिग
न्यू स्टार्टअप कंपनी पर निवेशक पैसा लगाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते थे, क्योंकि इसमें उन्हें कुछ संभावनाएं भी दिखने लगी थी. समय बढ़ने के साथ ही कंपनी को काफी फंडिग भी मिलने लगी, और एलिजाबेथ होम्स इसे समझ चुकी थी, इसलिए अब पीछे मुड़कर देखने का सवाल ही पैदा नहीं होता था.
दरअसल किसी भी तरह के इलाज के दौरान ब्लड टेस्ट करवाने की बात कही जाती है, इस दौरान टेस्ट ट्यूब में आपका ब्लड निकालकर रखा जाता है, जिसे टेस्ट के लिए अलग-अलग मशीनों में रखा जाता है, और आमतौर पर इसमें कुछ घंटे का समय लगता है या फिर इससे ज्यादा… लेकिन ‘थेरानोस’ कंपनी के मुताबिक एक मशीन से सभी टेस्ट होने की बात कही जा रही थी, वो भी केवल चार घंटों में… जो कि बेहद अकल्पनीय था, साथ ही मेडिकल हिस्ट्री में काफी नया भी…
साल 2014 रहा बेहद शानदार
साल 2014 तक आते आते ‘थेरानोस’ कंपनी का मूल्य 9 अरब डॉलर हो गया था. हर कोई एलिजोबेथ होम्स को एक सक्सेसफुल वुमेन के रूप में देखने लगा और उनके इंटरव्यू के लिए पीछे-पीछे भागने का सिलसिला शुरू हो गया. इसी दौरान फोर्ब्स ने होम्स को अमेरिका की सबसे अमीर सेल्फ-मेड महिला भी घोषित कर दिया. वहीं न्यू यॉर्कर ने होम्स में स्टीव जॉब्स की झलक दिखने की बात कही.
कब हुआ खुलासा?
एलिजोबेथ होम्स नए-नए दावे करते हुए जहां अपनी झूठी दुनिया बनाने में लगी थी, उसी दौरान यानी अक्टूबर 2015 में वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट में हुए खुलासे से बहुत कुछ बदल गया. इस रिपोर्ट में बताया गया कि थेरानोस के दावे संदेहास्पद है. इस बात के सामने आते ही जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आ गई और कंपनी के झूठे दावे बिखर गए.
लोगों को चुकानी पड़ी इस झूठ की कीमत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने परीक्षण के दौरान कुछ अनाधिकृत उपकरणों का प्रयोग किया था, यानी की ऐसे डिवाइस पर टेस्ट किए जा रहे थे जिन्हें अप्रूवल नहीं मिला था. जिसके चलते कई लोगों के टेस्ट भी गलत साबित हुए, और उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इतना होने के बाद, कई कंपनियों ने थेरानोस से कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिए. इस दौरान कई निवेशकों के पैसे भी पूरी तरह से डूब गए. वहीं जून 2018 में उनपर आपराधिक धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया गया. करीब तीन महीने के बाद कंपनी भी बंद हो गई.
एलिजाबेथ होम्स की कहानी से लें सीख
आए दिन लोग धोखाधड़ी के शिकार होते हैं, लेकिन बावजूद इसके कुछ सीख नहीं ले पाते. कंपनी बड़ी हो या फिर न्यू स्टार्टअप, लालच से शुरू हुआ कोई भी काम धराशाई हो ही जाता है. अगर आप यह सोचते हैं कि, केवल आपके देश में ऐसे फ्रॉड होते है, तो ठहरिए और फिर समझिए, क्योंकि विदेशों में काफी प्रोपर तरीके से इन धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है, जिसे आप चाहकर भी समझ नहीं पाएंगे. इसलिए बेहद जरूरी है कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले सभी चीजों की जांच अवश्य करें.