हमारे देश में आम तौर पर ताली बजाना खुशी जाहिर करने का एक तरीका है, मगर यह तरीका सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। मेडिकल भाषा में इसे क्लैपिंग थैरेपी भी कहा जाता है। यह थैरेपी बहुत पुराने समय से चलती आ रही है। हमारे देश में भजन, कीर्तन, मंत्रोपचार और आरती के वक्त ताली बजाने की काफी प्राचीन प्रथा है।
आपको बता दें इससे मिलने वाले शारीरिक फायदे भी कुछ कम नहीं हैं। अगर इसकी वैज्ञानिक वजह देखें तो मानव शरीर के हाथों में 29 दबाव केन्द्र यानी एक्युप्रेशर पॉइन्ट्स होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केन्द्र पैरों और हथेलियों के तलवों पर हैं। यदि इन दबाव केन्द्रों की मालिश की जाए तो यह कई बीमारियों से मुक्ति दिला सकते हैं, जो हमारे अंगों को प्रभावित करते हैं। इन दबाव केन्द्रों को दबाकर, रक्त और ऑक्सीजन के संचार को अंगों में अच्छी तरह से पहुंचाया जा सकता है।

ताली बजाने से पहले ये करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार क्लैपिंग थैरेपी के लिए रोज सुबह या रात को सोने से पहले हथेलियों पर नारियल का तेल, सरसों का तेल या दोनों तेलों का मिश्रण लगाकर अच्छे से जरूर मालिश करें। फिर हथेलियों और अंगुलियों को एक-दूसरे से हल्का सा दबाव दें और कुछ देर तक ताली बजाते रहें।

ताली बजाने के फायदे
- ताली बजाने से हमारे शरीर से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।
- हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा, गठिया आदि से ताली बजाने से राहत मिलती है।
- आंखों और बालों के झड़ने की परेशानी भी दूर करता है ।
- ताली बजाने से सिरदर्द और सर्दी से भी छुटकारा मिलता है।
- ताली बजाने से तनाव और चिंता दूर करने में सहायता मिलती है।
- क्लैपिंग थेरेपी से पाचन की समस्या से मुक्ति मिलती है।
- ताली बजाने से गर्दन के दर्द से लेकर पीठ और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है।
- ताली बजाने से रक्तसंचार अच्छा होता है।
- लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए बहुत अच्छी थेरेपी है।
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