सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों के लिए निर्धारित 9042 बिस्तरों (बेड) में से 571 पर मरीज भर्ती हैं. वहीं, 8490 ऑक्सीजन बेड में से 544 बेड पर मरीज भर्ती हैं. जबकि 131 मरीज आईसीयू में और 62 मरीज वेंटिलेटर पर हैं.

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने कई पाबंदियों को लागू कर दिया है. वहीं, अस्पतालों में ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग के लिए टेलीमेट्री डिवाइस लगाए जा रहे हैं, ताकि अचानक खत्म होने से पहले ही ऑक्सीजन का इंतजाम हो सके. सरकार एक्शन मोड में है और इसका कारण तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले हैं. राजधानी में पिछले 24 घंटे में 5481 कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं और इस दौरान तीन लोगों की मौत भी हुई है.
दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के 4,099 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 6.46 प्रतिशत दर्ज की गई थी. हालांकि, सरकार लगातार कह रही है कि दिल्ली के अस्पतालों में किसी प्रकार कि दिक्कत नहीं है. बड़ी संख्या में बेड खाली हैं और आगामी संभावित संकट से निपटने के लिए भी तैयारी अपने चरम पर है.
दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर मौजूद बेड की संख्या…
कोरोना के कुल बेड- 9042
कितने बेड पर भर्ती हैं मरीज- 571
कितने बेड हैं खाली- 8471
ऑक्सीजन बेड
कोरोना के ऑक्सीजन युक्त बेड- 8490
कितने ऑक्सीजन बेड पर मौजूद हैं मरीज- 544
खाली ऑक्सीजन बेड की संख्या- 7946
ICU बेड
कोरोना के कुल आईसीयू बेड की संख्या- 2785
कितने बेड पर भर्ती हैं मरीज- 131
खाली आईसीयू बेड की संख्या- 2654
वेंटीलेटर वाले आईसीयू बेड
कुल बेड- 1384
कितने बेड पर भर्ती हैं मरीज- 62
कितने बेड हैं खाली- 1322
वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के प्रसार के कारण संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देजनर दिल्ली सरकार ने सप्ताहांत (वीकेंड) पर कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आवश्यक सेवाओं के अलावा, सभी सरकारी अधिकारी घर से काम करेंगे. निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति होगी.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘शनिवार और रविवार को कर्फ्यू रहेगा. लोगों से अनुरोध किया जाता है कि बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें.’’
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को डर है कि बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशन संक्रमण के तेजी से फैलने का केन्द्र बन सकते हैं, क्योंकि बैठने की क्षमता आधी होने से वहां लंबी कतारें लग रही हैं. इसलिए, बसों और मेट्रो को पूर्ण क्षमता के साथ चलाने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि किसी को भी बिना मास्क के यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी.
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में अभी कोरोना वायरस संक्रमण के 11 हजार मरीज उपचाराधीन हैं, जिनमें से 350 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें से 124 मरीजों को ऑक्सीजन की मदद दी गई, जबकि कम से कम सात मरीज वेंटिलेटर पर हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर के पांच प्रतिशत के पार चले जाने के बाद डीडीएमए ने 28 दिसंबर को ‘येलो अलर्ट’ की घोषणा की थी, जिसके तहत सिनेमाघर और जिम बंद कर दिए गए थे. गैर-आवश्यक सामान की दुकानों को सम-विषम आधार पर खोलने और मेट्रो तथा बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता 50 प्रतिशत करने का निर्देश भी दिया था.
कब होती है ‘रेड अलर्ट’ की घोषणा?
डीडीएमए की क्रमवार प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के अनुसार, पांच दिन तक लगातार संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक रहने पर ‘रेड अलर्ट’ की घोषणा की जाती है, जिसके तहत पूर्ण कर्फ्यू लागू किया जाता है और राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ जाती हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण के लक्षण मामूली हैं या कोई लक्षण ही नहीं है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. जैन ने कहा था कि शहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए कोरोना वायरस का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ जिम्मेदार है तथा अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर में वृद्धि के साथ ही और पाबंदियां लगाईं जाएंगी.