लकवे को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि आखिर लकवे का कैसे पता किया जा सकता है और इसका क्या असर होता है? ऐसे में जानते हैं इससे जुड़े हर एक सवाल का जवाब

आपने अपने आस-पास में सुना होगा कि किसी को लकवा मार गया है. हो सकता है आपके परिवार में भी किसी के साथ हुआ हो. लकवा एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है और एक दम से दिक्कत हो जाती है. ऐसे में लोगों के मन में लकवे को लेकर कई तरह के सवाल रहते हैं कि आखिर इसके लक्षण क्या हैं, यह क्यों होता है और इसका पहले से पता लगाया जा सकता है या नहीं.
ऐसे में जानते हैं लकवे से जुड़ी खास बातें, जो ना सिर्फ आपको जागरूक करती है, बल्कि आप इनके बारे में जानकर किसी बड़ी दिक्कत को टाल सकते हैं. तो जानते हैं इससे जुड़ी हर एक बात
क्या होता है लकवा?
अचानक ब्रेन के किसी एरिया में डैमेज हो यानी खून सप्लाई को लेकर जो डैमेज होता है, उसकी वजह से लकवा आता है. इससे होता क्या है कि शरीर के एक तरफ के हिस्से जैसे एक हाथ या एक पांव में काफी ज्यादा कमजोरी आ जाती है.
किस वजह से लगता है लकवा?
लकवा के आम तौर पर दो कारण माने जाते हैं. इसमें एक कारण तो ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी ब्रेन में जाने वाली ब्लड की पाइप फट जाना. दूसरा कारण है इस ब्लड पाइप में कोई ना कोई ब्लॉक हो जाना. माना जाता है कि ज्यादातर केस पाइप ब्लॉक होने वाले ही होते हैं और अधिकतर लोगों के इस वजह से
लकवा लगता है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 85 फीसदी लकवा के केस पाइप ब्लॉक होने के वजह से होते हैं, जबकि 15 फीसदी मामले अन्य कारणों से होते हैं.
अगर रिस्क फैक्टर की बात करे तो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल बढ़ी हो तो इसका खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को हार्ट संबधी दिक्कत होती है और ब्लड का थक्का जमने की दिक्कत
रहती है तो कई बार थक्का धीरे-धीरे दिमाग तक पहुंच जाता है वहां जम जाता है, जो लकवे का कारण बनता है. ऐसे में इन बीमारियों को लकवे का रिस्क फैक्टर माना जाता है.
लकवे का कोई संकेत होता है?
अक्सर लोगों के सवाल होते हैं कि क्या ऐसे कोई संकेत होते हैं, जिनसे ये पता लगाया जा सके कि किसी को आगे लकवे की शिकायत हो सकती है. ताकि व्यक्ति पहले से सतर्क रहे और आगे की दिक्कत के लिए सतर्क रहें. इस पर डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत कम केस में इसका पहले से पता किया जा सकता है, क्योंकि यह कुछ ही मिनटों में हो जाता है और संभलने के लिए पहले से वक्त नहीं मिलता है.
मगर जिन केसों में पहले पता चलता है, उन लक्षणों की बात करें तो इसमें पहले एक छोटा सा लकवा आता है. यह होता लकवे की तरह ही है, लेकिन यह कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है. जैसे कुछ देर बोलने में दिक्कत होती है और कुछ देर के लिए शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी होने लगती है. इस केस को डॉक्टर्स टीआईए के नाम से जानते हैं. ऐसे में इस लकवा का संकेत माना जा सकता है.
क्या होते हैं लकवे के लक्षण?
अगर लकवे के लक्षण की बात करें तो अगर लकवा हाथ, पांव में होता है तो आप चलने और लिखने में दिक्कत होगी और कमजोरी आ जाएगी. वहीं, जिन लोगों को चेहरे में लकवा आता है, उन लोगों को बोलने और खाना खाने में दिक्कत होगी. इसके अलावा कमजोरी होने से काफी दिक्कतें और भी शुरू हो जाती हैं, जिसमें बेड सोर्स आदि कई तरह की दिक्कतें शमिल हैं.