उत्तर प्रदेश कृषि तेलंगाना राज्य

यूपी के आलू उत्पादक किसानों ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ क्यों खोला मोर्चा?

आलू उत्पादक किसान समिति का आरोप-तेलंगाना में नहीं बिकने दिया जा रहा उत्तर प्रदेश का आलू. तेलंगाना सरकार के इस फैसले में ओवैसी की सहमति, इसलिए होगा विरोध.

तेलंगाना में उत्तर प्रदेश के आलू (Potato) की बिक्री पर रोक लग गई है. इससे उत्तर प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. आलू उत्पादक किसान समिति आगरा मंडल के महासचिव आमिर चौधरी उर्फ मोहम्मद आलमगीर इस बैन पर सबसे ज्यादा नाराजगी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि ओवैसी यूपी के लोगों का वोट चाहते हैं, लेकिन वो यहां के किसानों के आलू को बैन करने वाली तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के साथ हैं.

मोहम्मद आलमगीर ने कहा है कि यदि जल्दी ही तेलंगाना सरकार ने इस बैन को हटाया नहीं तो यूपी के किसान ओवैसी की कोई चुनावी सभा आसानी से नहीं होने देंगे. आरोप है कि तेलंगाना के कई नेता बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं. ऐसे में उन्होंने मोटा मुनाफा कमाने के लिए दो महीने तक यूपी के आलू की एंट्री पर बैन लगा दिया. इससे वो उपभोक्ताओं को ज्यादा भाव पर आलू बेचेंगे. इससे यूपी के किसानों और तेलंगाना के उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान होगा.

तेलंगाना के लोगों को महंगा मिलेगा आलू

आलू उत्पादक किसान समिति को चलाने वाले आलमगीर का कहना है कि जब 10 महीने यूपी के आलू से तेलंगाना वालों का पेट भरता है तो सिर्फ 2 महीने के लिए बैन लगाने का क्या तुक है? अगर तेलंगाना सरकार और ओवैसी में इतनी ही हिम्मत है तो 12 महीने यूपी के आलू की एंट्री पर बैन लगा दे. लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि ऐसा होते ही तेलंगाना के लोगों को 200 किलो भी आलू नहीं मिलेगा. उनका कहना है कि तेलंगाना अपनी खपत का मुश्किल से 20-25 फीसदी ही आलू पैदा कर पाता है. ऐसे में इस तरह का बैन ठीक नहीं है.

रोजाना कितनी होती थी सप्लाई

यूपी के आलू उत्पादकों का आरोप है कि अभी तेलंगाना में आलू की फसल हुई है, इसलिए वहां की सरकार ने यूपी के आलू पर बैन लगाया है. यूपी से तेलंगाना को रोजाना करीब 2.5 लाख क्विंटल आलू की आपूर्ति होती है. ऐसे में इस रोक से यूपी के किसानों का बड़ा नुकसान हो रहा है. यूपी के किसानों का कहना है कि इस समय यूपी का आलू तेलंगाना में जाकर 12 से 15 रुपये किलो बिक रहा था. जबकि तेलंगाना का अपना आलू 20 से 25 किलो बेचा जा रहा है.

किसान संगठन का एलान-विरोध झेलने को तैयार रहें ओवैसी

आलमगीर का कहना है कि एक ही देश में कोई राज्य सरकार दूसरे राज्य के किसानों पर इस तरह का बैन कैसे लगा सकती है. यह तालिबानी फरमान है. केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. इसका खामियाजा असदुद्दीन ओवैसी को यूपी चुनाव में भुगतना पड़ेगा. अगर यहां के किसानों का नुकसान होगा तो असदुद्दीन ओवैसी को आगरा, फिरोजाबाद जैसे प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्रों में विरोध झेलना पड़ेगा. क्योंकि तेलंगाना सरकार के इस फैसले में ओवैसी की सहमति है.

किसानों का कहना है कि जल्दी अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो यूपी के किसान भी तेलंगाना में आलू की सप्लाई को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उ‌त्पादक सूबा है. यहां देश के करीब 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन होता है.

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Pooja Pandey

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