पाकिस्तान ने सोमवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) के लंबे समय से लंबित शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के अपने प्रस्ताव को दोहराया। इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि यदि भारत बैठक में व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं लेना चाहता है तो वह वर्चुअली भाग ले सकता है। कुरैशी ने 2021 के दौरान पाकिस्तान की विदेश नीति की समीक्षा प्रस्तुत समय इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की उस टिप्पणी को दोहराया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कदम उठाने की जिम्मेदारी भारत की है।
भारत इस्लामाबाद आने को तैयार नहीं – कुरैशी
कुरैशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत अपनी जिद की वजह से सार्क को निष्प्रभावी करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि वह बैठक के लिए इस्लामाबाद नहीं आना चाहता। मैं फिर से 19वीं सार्क समिट के लिए भारत को न्योता देता हूं। अगर भारत इस्लामाबाद आने के लिए तैयार नहीं है, तो वह वर्चुअली बैठक में शामिल हो सकता है। लेकिन उसे बाकी देशों को समिट में हिस्सा लेने से नहीं रोकना चाहिए।
कुरैशी ने अमेरिका और चीन के शीत युद्ध पर प्रश्न पूछे जाने पर कहा कि वह इस पर बिल्कुल निषपक्ष हैं। इस्लामाबाद किसी भी शिविर का हिस्सा नहीं बनेगा। सीमा पर तालिबान बलों द्वारा फेंसिंग हटाने पर एक अन्य सवाल के जवाब में,उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने फेंसिंग लगाने का काम किया और हाल ही में हुई घटनाओं (इसे हटाने की) से अवगत था। अफगानिस्तान हमारा दोस्त है और हम इस मसले को हल करने में सक्षम होंगे।
सार्क अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका का एक क्षेत्रीय समूह है। यह 2016 से बहुत प्रभावी नहीं रहा है और 2014 में काठमांडू में पिछले एक के बाद से इसका द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। 2016 में यह इस्लामाबाद में होना था। लेकिन उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू और कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर एक आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने इसमें भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की थी, जिसके बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस्लामाबाद बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन को बंद कर दिया गया था।
कुरैशी ने आगे कहा, “अगर उन्हें [भारत] फिजिकल रूप से यहां आने में परेशानी होती है, तो वे वर्चुअल रूप से उपस्थित हो सकते हैं लेकिन उन्हें दूसरों को रोकना नहीं चाहिए। उन्हें दूसरों को आने देना चाहिए और इस मंच को प्रभावित नहीं करने देना चाहिए।” कुरैशी की टिप्पणियों पर भारतीय अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।