अपराध उत्तर प्रदेश राज्य

लखीमपुर हिंसा में 5 हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल, केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मुख्य आरोपी|

उत्तर प्रदेश : लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड के तीन महीने पूरे होते ही जांच टीम ने सीजेएम अदालत में मामले की जांच पूरी करते हुए 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। करीब तीन महीने तक चली जांच में विशेष अनुसंधान दल ने ये साफ कर दिया कि तीन अक्तूबर को तिकुनिया में हुई हिंसा को सोच समझकर हत्या के इरादे से अंजाम दिया गया था। 

मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए पुलिस ने सभी 13 आरोपियों को भी मुल्जिम माना है। आरोप पत्र में पुलिस ने मंत्री टेनी के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला को भी आरोपी बनाया है। उन पर सबूत मिटाने व पुलिस को झूठी सूचना देने का आरोप है। तीन महीने पहले तीन अक्तूबर की रात को दर्ज हुई एफआईआर में विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कुल 13 आरोपियों पर आरोप तय किये थे। अब इसमें मंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला का भी नाम बढ़ाया गया है, उन पर मामले में साक्ष्य छुपाने का आरोप है।

अदालत में आरोप पत्र पेश
तिकुनिया कांड के तीन महीने पूरे होते ही विशेष अनुसंधान दल की तरफ से विवेचक विद्याराम दिवाकर ने सोमवार सुबह 11 बजकर 30 मिनट के करीब सीजेएम चिंताराम की अदालत में आरोप पत्र पेश किया, जिसके बाद वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने संक्षेप में पांच हजार पन्ने के आरोप पत्र की जानकारी सीजेएम चिंताराम को बताई और विवेचक की तरफ से आरोप पत्र दाखिल कराया। आरोप पत्र में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र को पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया, जबकि मंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला का भी नाम चार्जशीट में बढ़ाया है। 
10 अक्तूबर को हुई थी आशीष मिश्र की गिरफ्तारी
13 आरोपियों की गिरफ़्तारी
अब तक मामले में आशीष मिश्र समेत 13 आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई थी, जो अभी जेल मे हैं। 14वें आरोपी के नाम पर जांच टीम ने मंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला को भी साक्ष्य छिपाने के लिये आरोपी बनाया है। जानकारी के मुताबकि काफिले में इस्तेमाल हुई स्कॉर्पियो उन्हीं की थी, जिसके बारे में उन्होंने जांच टीम को सही जानकारी नहीं दी थी, जिसे संपूर्णानगर थाने से बरामद किया गया था।

दो बार बदली टीम, 90 दिन के अंदर आरोप पत्र दाखिल
मंगलवार सीजेएम अदालत में विवेचक विद्याराम दिवाकर ने सीजेएम कोर्ट को बताया कि तिकुनिया में तीन अक्तूबर को हुई हिंसा मामले में चार किसान और एक पत्रकार की मौत मामले में स्थानीय थाना तिकुनिया में तीन अक्तूबर की रात को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू व अन्य 15-20 अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत हुआ था। मामले की जांच पहले जनपद की विशेष जांच टीम कर रही थी, बाद में 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नवगठित विशेष अनुसंधान दल के पर्यवेक्षण में पूरी हुई।
तिकुनिया कांड पर लोगों के साथ ही राजनीतिक पंडितों की भी नजर
13 आरोपियों के खिलाफ लगाई गईं ये धाराएं

विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट को बताया कि विवेचना और साक्ष्य संकलन के आधार मुख्य आरोपी आशीष मिश्र उर्फ मोनू, अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्य त्रिपाठी, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडेय, लवकुश, शिशुपाल, उल्लास कुमार त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना, धर्मेंद्र कुमार बंजारा ने तिकुनिया हिंसा को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया था। विवेचक ने बताया कि इन सभी 13 आरोपियों के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, अंग भंग करना, अवैध रूप से शस्त्र रखना और आर्म्स एक्ट के अपराध प्रमाणित हुए हैं। इसलिये इन पर 147/148/149/307/326/34/427/120बी/और 3/25, 3/27, आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। विवेचक ने बताया कि मामले में गृह राज्यमंत्री के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला के खिलाफ धारा 201 यानि कि साक्ष्य छुपाने का आरोप प्रमाणित हुआ है। इसलिये इनका भी नाम आरोप पत्र में बढ़ाया गया है।

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Divya Bharti

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