कृषि

चार कृषि विश्वविद्यालयों की 193 सिफारिशों को मान्यता, मशीनीकरण पर दिया जाएगा जोर

समय के साथ कृषि प्रणाली बदल रही है महाराष्ट्र में बदलते मौसम के परिस्थितियों में भी उत्पादन बढ़ रहा है.इसमें प्रदेश के 4 कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका भी अहम है. अब राज्य के 4 नए विश्वविद्यालयों की 193 सिफारिशों को मंजूरी दी गई हैं.

समय के साथ खेती की व्यवस्था बदल रही है. इसलिए बदलते वातारण परिस्थितियों में भी उत्पादन बढ़ रहा है इसमें प्रदेश के 4 कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका भी अहम है.अब राज्य के 4 नए विश्वविद्यालयों की 193 सिफारिशों को मंजूरी दी गई है.विभिन्न फसलों की 9 किस्में, 2 फल फसलें, 15 औजार और शेष 167 प्रौद्योगिकी सिफारिशों के साथ हैं.इतना ही नहीं अंगूर अनुसंधान और अनार अनुसंधान केंद्र की 2 फल फसलों को भी मंजूरी दी गई हैं.इससे कृषि व्यवसाय में बदलाव हो सकता हैं.

कृषि मंत्री दादा जी भूसे का क्या हैं कहना

दादा जी भूसे ने कहा कि यह गर्व की बात है कि प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों से अनुसंधान अनुशंसाओं में वृद्धि हो रही है.राज्य के कृषि मंत्री दादा भूसे ने विचार व्यक्त किया है कि इन सिफारिशों को कागज पर नहीं बल्कि किसानों के प्रत्यक्ष लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इस सिफारिश के साथ कृषि विभाग की भावना, विस्तार प्रणाली के साथ-साथ कृषि विभाग के तत्वों को इसे किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है.तभी उसका फल मिलेगा.भूसे ने आगे कहा कि इन सिफारिशों के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है.

आवश्यकता अनुसार मशीनीकरण की अनुशंसा से बढ़ रहे हैं

मशीनीकरण कृषि का अभिन्न अंग बनता जा रहा है.इसके बिना कृषि संभव नहीं है और इससे उत्पादन भी बढ़ रहा है यह मामला किसानों और विभाग के संज्ञान में भी आया है इसलिए मशीनीकरण की सिफारिश के साथ ये बढ़ रहे हैंइसलिए, जिन सिफारिशों को मंजूरी दी गई है, उन्हें वेबसाइट पर अपडेट करने की आवश्यकता है, कृषि सचिव एकनाथ दावले ने कहा इतना ही नहीं, अगले 10 वर्षों की इस नई शोध योजना की मदद से विश्वविद्यालयों से इस नई योजना को प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया है.

प्रदेश के चारों कृषि विश्वविद्यालयों की बैठक

राज्य के वसंतराव नायक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. कृषि अनुसंधान एवं विकास समिति के तत्वावधान में कृषि राज्य मंत्री दादा भूसे के साथ पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्याल, कोंकण कृषि विश्वविद्याल,महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु की ऑनलाइन बैठक हुई. इसके अलावा इस अवसर पर चारों विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी मौजूद थे.बैठक जायंट एग्रेस्को में अनुसंधान सिफारिशों को दी गई मंजूरी के अनुसार आयोजित की गई थी कृषि अध्ययन से विभिन्न किस्में प्राप्त हुई हैं.इसे अब किसानों तक पहुंचाने की जरूरत हैं.

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Rajiv Goyal

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